Chhorii Review: यह 'छोरी' न तो डराती, न ही सही से समझाती है

अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई फिल्म 'छोरी' 2016 की मराठी फिल्म 'लपाछपी' का रीमेक है. 'छोरी' को विशाल फुरिया ने डायरेक्ट किया है जिन्होंने मराठी फिल्म को डायरेक्ट किया था.

Advertisement
Read Time: 6 mins

नई दिल्ली:

बॉलीवुड अकसर रीमेक बनाता है. कई बार यह रीमेक विदेशी फिल्मों के होते हैं तो कई बार देशी फिल्मों के. इस हफ्ते मराठी फिल्मों के दो रीमेक रिलीज हो रहे हैं. पहला रीमेक सलमान खान की फिल्म 'अंतिम' है जो मराठी फिल्म मुलशी पटर्न का रीमेक है. जबकि दूसरा रीमेक अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई फिल्म 'छोरी' है. यह 2016 की मराठी फिल्म 'लपाछपी' का रीमेक है. 'छोरी' को भी विशाल फुरिया ने डायरेक्ट किया है जिन्होंने मराठी फिल्म को डायरेक्ट किया था. लेकिन डायरेक्टर और निर्माता फिल्म का बनाते समय के अंतराल और फिल्म की प्रासंगिकता को नजरअंदाज कर बैठे. यही बात इस फिल्म में तंग करती है. 

'छोरी' की कहानी साक्षी और उसके पति हेमंत की है. साक्षी प्रेग्नेंट है, और हेमंत ने किसी से पैसे उधार ले रखे हैं. उधार लेने वाले उसके खून के प्यासे हो रहे हैं. इसलिए उनका ड्राइवर उन्हें एक ऐसी जगह बताता है जहां कोई नहीं आ सकता. इस साक्षी और हेमंत गन्नों के खेत के बीच ऐसी वीरान जगह पहुंच जाते हैं जहां कोई नहीं है. इस जगह की अपनी एक डरावनी कहानी है. साक्षी को वहां मिलती है ड्राइवर की पत्नी जो थोड़ी रहस्यमय है और हुकम चलाने वाली है. इसके साथ ही साक्षी को वहां तीन बच्चे और एक औरत भी नजर आती है. इस तरह फिल्म कहीं-कहीं डराने की कोशिश करती है लेकिन चीजें बहुत ही स्वाभाविक हैं, और शुरू से ही कहानी समझ आने लगती है तो ऐसे में फिल्म डराने का कतई काम नहीं करती है.

डायरेक्टर विशाल फुरिया की लपाछपी किसी क्षेत्र विशेष और उस समय विशेष के लिए तो एक अच्छी कहानी हो सकती है, लेकिन जब हम इसे वृहद परिप्रेक्ष्य में देखते हैं तो कहानी वैसा असर नहीं डाल पाती है. कहानी देखी हुई और सीक्वेंस जाने-पहचाने लगते हैं. विशाल फुरिया ने डराने और संदेश देने की कोशिश की. लेकिन वह न तो पूरी तरह से डरा पाते हैं और न ही अपनी बात को प्रभावी ढंग से कह पाते हैं. एक्टिंग की बात करें तो नुसरत भरुचा ने अच्छा काम किया है और वह अपनी एक्टिंग से इम्प्रेस भी करती हैं. मीता वशिष्ठ का भी अच्छा काम है. लेकिन बहुत ही पुराने टाइप की कहानी, खराब ट्रीटमेंट और हॉरर फैक्टर नदारद होने की वजह से फिल्म बिल्कुल भी असर नहीं डालती है. 

रेटिंग: 2.5/5 स्टार
डायरेक्टर: विशाल फुरिया
कलाकारः नुसरत भरूचा और मीता वशिष्ट

Topics mentioned in this article