Chhalaang Review: हंसल मेहता और राजकुमार राव (Rajkummar Rao) जब भी साथ आते हैं, दिल जीत ले जाते हैं. 'छलांग' के साथ भी वह अपने इस रिकॉर्ड को कायम रखते हैं. फिल्म की कहानी, प्रेजेंटेशन, डायलॉग और एक्टिंग सभी मोर्चे पर भरपूर मनोरंजन करती है. 'छलांग (Chhalaang)' में देसीपन की महक है और हंसी-ठहाके के खूब मौके हैं. इस तरह अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर रिलीज हुई यह फिल्म दीवाली के मौसम में मनोरंजन के लिए परफेक्ट है.
'छलांग (Chhalaang)' की कहानी महेंद्र सिंह हुड्डा यानी मोंटू की है. मोंटू पीटी का टीचर है. मोंटू अपने काम को सीरियसली नहीं लेता है और मस्ती में जीवन जीता है. लेकिन कंप्यूटर टीचर नीलिमा जिंदगी में आती है और रौनक आ जाती है. सब मोंटू की मनमर्जी मुताबिक चल रहा होता है लेकिन पीटी टीचर मिस्टर सिंह के आने से मोटू के जिंदगी में तूफान आ जाता है और बात इज्जत पर बन जाती है. इस तरह मोंटू ठान लेता है कि कुछ भी हो जाए अगर बात इज्जत पर आ गई है तो अब कुछ भी कर गुजरना है. फिल्म की कहानी बढ़िया है, लेकिन जो बात तंग करती है, वह है फिल्म की लेंथ. इसको थोड़ा क्रिस्प रखा जा सकता है. लेकिन देखा जा रहा है कि ओटीटी पर रिलीज हो रही फीचर फिल्मों की लेंथ थोड़ी ज्यादा जा रही है.
'छलांग (Chhalaang )' में एक्टिंग के मामले में राजकुमार राव छा गए हैं, उनका बिंदास अंदाज और हरियाणवी लहजा दिल जीत लेता है. जीशान अय्यूब का भी अपना स्टाइल है, और एक्टिंग उनकी भी लाजवाब है. नुसरत भरुचा और सौरभ शुक्ला ने भी अच्छा काम किया है. इस तरह दीवाली के इस मौके पर जब बाहर ज्यादा जाने से बचना चाहिए, ऐसे में 'छलांग' परफेक्टर एंटरटेनर है.