Champaran Mutton: ऑस्कर के सेमिफाइनल में पहुंची बिहार के रंजन की फिल्म, जानते हैं क्यों है खास?

फिल्म के डायरेक्टर रंजन कुमार बिहार के रहने वाले हैं और फिलहाल FTII पुणे में पढ़ाई कर रहे हैं. इस फिल्म की कहानी में बिहार के लोगों के बारे में एक खास बात बताई गई है.

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चंपारण मटन की स्टार कास्ट फलक खान और चंदर रॉय
नई दिल्ली:

ऑस्कर फिल्मी दुनिया के टॉप अवॉर्ड्स में से एक है. इस मंच पर दुनियाभर की फिल्मों का मुकाबला होता है. ऐसे में जगह बना पाना अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है. फिलहाल हमारे देश और खासकर बिहार के लिए यह मौका काफी खास है क्योंकि फिल्म मेकर रंजन कुमार की शॉर्ट फिल्म 'चंपारण मटन' ऑस्कर की रेस में शामिल हो गई है. अगर आप ऑस्कर को लेकर कनफ्यूज हो रहे हैं तो बता दें कि स्टूडेंट  एकेडमीअवॉर्ड 2023 हैं. जिसके सेमीफाइनल राउंड में 'चंपारण मटन' अपनी जगह बना चुकी है. इस अवॉर्ड के लिए दुनियाभर के करीब 1700 से ज्यादा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स से फिल्में नॉमिनेट हुई थीं. इस रेस में पटना के रहने वाले रंजन कुमार ने बढ़त बनाई है. रंजन फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट पुणे के स्टूडेंट हैं.

किन कैटेगरी में दिया जाता है अवॉर्ड ?

बता दें कि स्टूडेंट एकेडमी अवॉर्ड चार कैटेगरी में दिया जाता है. 'चंपारण मटन' नैरेटिव कैटेगरी में सेमिफाइनल तक पहुंची है.  इस कैटेगरी में भारत का मुकाबली अर्जेंटीना, जर्मनी, बेल्जियम से है. अब हर किसी की नजर अवॉर्ड की अनाउंसमेंट पर टिकी है. ये अवॉर्ड 1972 से दिए जा रहे हैं और कई देश इस मंच से अपना नाम रौशन कर चुके हैं.

क्या है फिल्म की कहानी ?

फिल्म की एक्ट्रेस फलक खान बताती हैं कि ये फिल्म बिहार के लोगों के कभी हार ना मानने वाले एटिट्यूड को दिखाती है. लॉकडाउन के समय नौकरी छूट जाने के बाद गांव लौटने पर पत्नी की एक इच्छा पूरी करने में लगे हीरो और उसके परिवार की कहानी दिल छू रही है. यही वजह है कि इस फिल्म ने ऑस्कर तक का सफर तय किया है.

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