64 साल पहले इस फिल्म पर लगा था अश्लीलता और हिंसा फैलाने का आरोप, सेंसर बोर्ड ने कट कर दिए थे 250 सीन, फिर जो हुआ...

दिलीप कुमार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को रिलीज करने से मना कर दिया. फिल्म में अश्लीलता और हिंसा दिखाए जाने का आरोप लगाते हुए सेंसर बोर्ड ने फिल्म में 250 कट लगाने को कहा.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
दिलीप कुमार की इस फिल्म को रिलीज कराने के लिए नेहरू को देना पड़ा था दखल
नई दिल्ली:

बॉलीवुड के सुपरस्टार रहे दिलीप कुमार ने अपने अभिनय से तो लोगों को लुभाया ही साथ ही डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया. साल 1961 में रिलीज हुई फिल्म गंगा जमुना में दिलीप कुमार को-डायरेक्टर थे. साथ ही ये पहली फिल्म थी, जिसे दिलीप कुमार ने प्रोड्यूस भी किया था. इस फिल्म से उन्हें काफी उम्मीदें थीं, लेकिन एक समय ऐसा आया जब ऐसी परिस्थितियां आन पड़ी कि लग रहा था कि फिल्म रिलीज ही नहीं हो पाएगी. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हस्तक्षेप के बाद इसे रिलीज किया गया. आइए जानते हैं क्या है ये पूरा किस्सा.

सेंसर बोर्ड ने काटे 250 सीन

इस फिल्म से प्रोड्यूसर और डायरेक्टर बन चुके दिलीप कुमार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब जब सेंसर बोर्ड ने 'गंगा जमुना' को रिलीज करने से मना कर दिया. फिल्म में अश्लीलता और हिंसा दिखाए जाने का आरोप लगाते हुए सेंसर बोर्ड ने फिल्म में 250 कट लगाने को कहा. इस बात से दिलीप कुमार बहुत परेशान हो गए और उन्होंने मामले को लेकर सीधे प्रधानमंत्री से मिलने का फैसला लिया.

नेहरू ने दिया दखल

दिलीप कुमार तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिले और उनसे मदद मांगी. उन्होंने बताया कि सेंसर बोर्ड अपने मनमानी कर रहा है और जबरन सीन्स को हटाने को कह रहा है. नेहरू जी के साथ 15 मिनट तक के लिए तय हुई ये मीटिंग घंटे भर तक चली. नेहरू जी ने उनकी बातों को समझा और इस मामले को सुलझाया. इसके बाद 1 जनवरी 1961 को फिल्म रिलीज हुई. फिल्म गंगा जमुना में दिलीप कुमार के साथ उस दौर की बेहतरीन अदाकारा वैजयंती माला लीड रोल में थीं. साथ ही अरुणा ईरानी, हेलेन, और नासिर खान जैसे कलाकार भी फिल्म का हिस्सा थे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ में आए उन Engineer, Doctor, Management से जुड़े लोगों की कहानी
Topics mentioned in this article