60s की इस बेहद खूबसूरत और रईस एक्ट्रेस के पति ने बर्बाद कर दी जिंदगी, ठेले पर लावारिस गई लाश, पढ़ें रूह कंपा देने वाली दास्तान

60s के दशक की एक्ट्रेस विमी का करियर बेहद छोटा था, लेकिन उन्होंने अपने इस छोटे से करियर में उस दौर के सभी बड़े स्टार्स के साथ बतौर हीरोइन फिल्मों में काम किया. अपने 10 साल के करियर में उन्होंने एक से बढ़ कर एक हिट फिल्में दीं.

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हमराज की एक्ट्रेस विमी की दर्दनाक दास्तान
नई दिल्ली:

बॉलीवुड में कई ऐसी एक्ट्रेसेस हुईं, जिनका फिल्मी सफर बेहद छोटा रहा. लेकिन अपने छोटे से करियर में उन्होंने सफलता का स्वाद चखा और उनका रुतबा किसी सुपरस्टार से कम नहीं था. 1960-70 के दशक में ऐसी ही एक एक्ट्रेस थीं विमी. विमी का करियर बेहद छोटा था, लेकिन उन्होंने अपने इस छोटे से करियर में उस दौर के सभी बड़े स्टार्स के साथ बतौर हीरोइन फिल्मों में काम किया. अपने 10 साल के करियर में उन्होंने एक से बढ़ कर एक हिट फिल्में दीं. दौलत-शौहरत और सफलता उनके कदम चूमती थी. लेकिन कहते हैं कि सफल होना जितना मुश्किल है, सफलता को बनाए रखना उससे भी ज्यादा मुश्किल है. ऐसा ही कुछ विमी के साथ भी हुआ. विमी ने बेहद तेजी से बुलंदियों को छुआ और उतनी ही तेजी से उनके करियर का ग्राफ गिरता गया. आज शायद ही उनका नाम किसी को याद हो, लेकिन एक समय था जब फिल्म इंडस्ट्री में उनका बोलबाला था. उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग थी और उनकी एक झलक देखने के लिए फैंस बेताब रहते थे.

उस दौर में विमी को महंगी गाड़ियों का शौक था. वह अक्सर लेटेस्ट मॉडल की गाड़ियों से शूट पर जाती थीं. वह उस दौर की रईस एक्ट्रेस मानी जाती थीं.परियों सी खूबसूरत दिखने वाली एक्ट्रेस विमी ने बॉलीवुड में कदम रखा, तब वह पहले से शादीशुदा थीं और उनके दो बच्चे भी थे. इसके बाद भी वह रातों-रात स्टार बन गईं. तब बॉलीवुड में शादीशुदा एक्ट्रेसेस का करियर खत्म माना जाता था, लेकिन विमी ने एक मिसाल कायम की. विमी बॉलीवुड की उन फेमस अभिनेत्रियों में से थीं, जिन्होंने अपने समय में सुनील दत्त से लेकर शशि कपूर,राज कुमार जैसे बड़े  स्टार्स के साथ काम किया.

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विमी का जन्म 1943 में जालंधर, पंजाब में हुआ. कम उम्र में ही विमी की शादी उस जमाने के मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट के बेटे शिव अग्रवाल से हो गई. विमी के पेरेंट्स उनकी शादी के खिलाफ थे. शिव और विमी के दो बच्चे हुए. दो बच्चों की मां होने के बाद भी उन्हें बॉलीवुड में ब्रेक मिलने की कहनी भी काफी दिलचस्प है. दरअसल विमी कलकत्ता में पति के साथ एक पार्टी में पहुंचीं थीं. वहीं विमी की मुलाकात म्यूजिक डायरेक्टर रवि से हुई. रवि ने विमी की खूबसूरती और ग्लैमर देख कर पूछा, आप फिल्मों में काम क्यों नहीं करतीं?  तब विमी ने कहा, मैं दो बच्चों की मां हूं, मुझे फिल्मों में काम कौन देगा?

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रवि ने विमी और उनके पति शिव को मुंबई आने को कहा और वहां उनकी मुलाकात बीआर चोपड़ा से करवाई. तभी बीआर चोपड़ा ने उन्हें पहली फिल्म हमराज का ऑफर दिया. हालांकि विमी के ससुरालवाले नहीं चाहते थे कि विमी फिल्मों में काम करें, लेकिन उनके पति ने सपोर्ट किया. खफा होकर शिव के माता-पिता ने उन्हें जायदाद से बेदखल कर घर से निकाल दिया. अब घर चलाने की पूरी जिम्मेदारी विमी पर थी.

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1967 में रिलीज हुई फिल्म हमराज से विमी रातों रात स्टार बन गई. फिल्म में राजकुमार, सुनील दत्त और मुमताज लीड रोल में थे, लेकिन लोगों की नजर विमी की खूबसूरती पर अटक गई. इस फिल्म के बाद विमी को साइन करने के लिए डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स की लाइन लग गई. बीआर चोपड़ा  ने विमी के साथ तीन फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था. उनके पति शिव विमी के सेक्रेटरी थे. विमी को कई फिल्मों के ऑफर मिले, लेकिन बीआर चोपड़ा के कॉन्ट्रैक्ट के चलते वो फिल्में साइन नहीं कर पा रही थीं. तब विमी और उनके पति कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के लिए बीआर चोपड़ा को परेशान करने लगे थे. बाद में विमी के करियर का ग्राफ गिरने लगा. वह कुल 10 फिल्मों में नजर आईं, जिनमें से ज्यादातर फिल्में फ्लॉप रहीं. इसके बाद प्रोड्यूसर्स भी अपने हाथ पीछे खींचने लगे. बाद में विमी ने कलकत्ता में विमी टेक्सटाइल कंपनी खोली, लेकिन ये भी कर्जे में डूब गई. अब विमी काफी तंगी में थीं.

विमी जुहू के बंगले में रहा करती थीं, लेकिन पैसे खत्म हुए तो एक आम जिंदगी जीने लगीं. वहीं पति शिव को शराब की लत लग गई और वह विमी से मारपीट करने लगे. शिव विमी पर छोटे मोटे रोल करने के लिए दबाव बनाया करते थे. तभी वह फिल्म प्रोड्यूसर जॉली से मिली और दोनों करीब आ गए. लेकिन हालात तब भी नहीं सुधरे.

बाद में वह अकेले रहने लगी और शराब की लत उनकी मौत का कारण बनी. महज 34 साल की उम्र में विमी का लिवर पूरी तरह खराब हो चुका था. इलाज के लिए विमी के पास पैसे नहीं थे. मुंबई के नानावटी अस्पताल के जनरल वॉर्ड में 22 अगस्त 1977 को विमी की मौत हो गई. उन्हें दोस्त या परिवार कोई देखने तक नहीं आया. हालात ऐसे थे कि विमी को अस्पताल से श्मशान घाट पहुंचाने के लिए 4 कंधे भी नसीब नहीं हुए. ठेले पर रखकर विमी की डेडबॉडी श्मशान घाट पहुंचाई गई. विमी की करीबी दोस्त कृष्णा ने विमी की मौत को उनके लिए पेन रिलीवर बताया. उन्होंने कहा कि जिस दर्दनाक हालात में विमी रह रही थीं, मौत उससे बेहतर थी.

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