बॉलीवुड में असरानी के नाम से मशहूर एक्टर गोवर्धन असरानी का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल में हुई और बाद में उन्होंने राजस्थान कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया. पढ़ाई के बाद असरानी ने रेडियो आर्टिस्ट के रूप में काम शुरू किया. उनकी पत्नी मंजू बंसल ईरानी हैं, जिनके साथ वे कई फिल्मों में नजर आए. असरानी ने अपने करियर में 300 से ज्यादा हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया और पांच दशकों तक फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे.
असरानी ना केवल एक एक्टर थे, बल्कि एक राजनेता भी रहे. उन्होंने 2004 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली और लोकसभा चुनावों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया. लेकिन बॉलीवुड में उनकी शुरुआत आसान नहीं थी. उन्होंने जया भादुड़ी की फिल्म ‘गुड्डी' से डेब्यू किया, जो हिट रही और उनकी एक्टिंग को सराहा गया. फिर भी, उनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ.
कोमल नाहटा के शो में असरानी ने बताया कि कई लोग, जिनमें गुलजार भी शामिल थे, उन्हें कमर्शियल एक्टर नहीं मानते थे. गुलजार ने उनके चेहरे को ‘अजीब' बताकर रिजेक्ट कर दिया था. डायरेक्टर एलवी प्रसाद ने भी कहा कि असरानी न हीरो लगते हैं, न विलेन, न कॉमेडियन और न ही रोमांटिक रोल के लिए फिट हैं. असरानी ने हंसते हुए बताया कि उन्होंने डब्बा वापस लेकर माफी मांगी और वहां से चले गए.
बॉलीवुड में रिजेक्शन के बाद असरानी ने साउथ फिल्म इंडस्ट्री का रुख किया, जहां उनके टैलेंट को पहचान मिली. वहां बड़े एक्टर्स और डायरेक्टर्स के साथ काम करने के बाद बॉलीवुड में भी उन्हें स्वीकार किया गया. बीआर चोपड़ा ने उन्हें ‘निकाह' में मौका दिया, जो हिट रही. असरानी ने ‘हम नहीं सुधरेंगे', ‘दिल ही तो है' और ‘उड़ान' जैसी फिल्मों का डायरेक्शन भी किया. लेकिन उनकी असली पहचान बनी अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्म ‘शोले' में जेलर के किरदार से, जो आज भी दर्शकों के दिलों में बसा है. आज भले असरानी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके ये किरदार हमेशा हमारे बीच रहेंगे और उनकी यादें ताजा करेंगे.