राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म संपादक वामन भोसले (Waman Bhonsle) का उम्र संबंधी दिक्कतों के कारण सोमवार सुबह निधन हो गया. उनके परिवार के सदस्यों ने इस बारे में बताया. वामन भोसले (Waman Bhonsle) 87 साल के थे. वामन भोसले के भतीजे दिनेश भोसले ने बताया कि 25वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में ‘इनकार' के लिए सर्वश्रेष्ठ संपादक का पुरस्कार पाने वाले वामन का गोरेगांव आवास पर तड़के चार बजकर 25 मिनट पर निधन हो गया.
वामन भोसले (Waman Bhonsle) के भतीजे दिनेश भोसले ने बताया, "पिछले साल लॉकडाउन के कारण उनकी दिनचर्या और दूसरी गतिविधियां प्रभावित हुई थी." गोवा के पोमबुरपा गांव में जन्मे भोसले नौकरी की तलाश में 1952 में मुंबई आए थे और ‘पाकीजा' फिल्म के संपादक डी एन पई से बॉम्बे टॉकीज में प्रशिक्षण लेने लगे.
वामन भोसले (Waman Bhonsle) ने ‘मेरा गांव मेरा देश', ‘दो रास्ते', ‘इनकार', ‘दोस्ताना', ‘अग्निपथ', ‘परिचय', ‘कालीचरण', ‘कर्ज', ‘राम लखन', ‘सौदागर', ‘गुलाम' समेत 230 से ज्यादा फिल्मों का संपादन किया.
अमोल पालेकर निर्देशित ‘कैरी' संपादक के तौर पर वामन भोसले (Waman Bhonsle) की आखिरी फिल्म थी. फिल्मकार मधुर भंडारकर, अभिनेता-फिल्मकार विवेक वसवानी, प्रख्यात लेखक गीतकार वरूण ग्रोवर ने भोसले के निधन पर शोक जताया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)