50 के दशक का सुपरस्टार जब बस स्टॉप पर मिला बेसहारा, अमिताभ बच्चन ने देखा, तरस आया लेकिन नहीं दी लिफ्ट, जानें क्यों

bharat bhushan 50s superstar: राजेश खन्ना को अक्सर हिंदी सिनेमा का पहला 'सुपरस्टार' माना जाता है, लेकिन उनसे पहले दिग्गज दिलीप कुमार थे. लगभग उसी समय, एक और अभिनेता बॉलीवुड में अपना नाम बना रहा था.

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bharat-bhushan-50s-superstar-spotted: इस सुपरस्टार को बस स्टॉप पर देख चौंक गए थे अमिताभ बच्चन
नई दिल्ली:

राजेश खन्ना को अक्सर हिंदी सिनेमा का पहला 'सुपरस्टार' माना जाता है, लेकिन उनसे पहले दिग्गज दिलीप कुमार थे. लगभग उसी समय, एक और अभिनेता बॉलीवुड में अपना नाम बना रहा था. मूल रूप से मेरठ के रहने वाले भारत भूषण 1950 के दशक में बैजू बावरा और मिर्ज़ा ग़ालिब जैसी फ़िल्मों में मुख्य भूमिकाओं की बदौलत स्टारडम की ओर बढ़े. लेकिन उनका स्टारडम ज्यादा दिनों तक नहीं रहा. एक निर्माता के तौर पर कुछ बुरे निवेशों के बाद, भारत भूषण ने अपनी दौलत और शोहरत खो दी. कथित तौर पर उन्हें अपना बंगला, अपनी कारें और यहां तक कि अपनी किताबें भी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. वह मलाड में एक अपार्टमेंट में चले गए और 1992 में दुखद रूप से उनकी मृत्यु हो गई.

दो दशक बाद, अमिताभ बच्चन उस मुकाम पर पहुंचे और उस शोहरत को हासिल किया, जो कभी भारत भूषण को मिली थी. एक सुबह जब बच्चन काम पर जा रहे थे, तो उनकी राहें एक-दूसरे से टकराईं. उन्होंने देखा कि गुजरे जमाने का यह सितारा बस स्टॉप पर बिल्कुल अकेला है. उन्होंने इस घटना के बारे में एक ब्लॉग में लिखा. ये वो समय था जब अमिताभ खुद करियर के पतन से उबरे थे. उन्होंने लिखा कि उनके पास अपनी कार रोकने और उस बीते जमाने के सितारे को लिफ्ट देने की हिम्मत नहीं थी, क्योंकि उन्हें डर था कि वे शर्मिंदा हो जाएंगे. लेकिन इससे उन्हें एहसास हुआ कि प्रसिद्धि और सफलता कितनी फिसलन भरी हो सकती है.

‘कोई नहीं पहचान रहा था उन्हें'

अमिताभ ने लिखा, "जब मैं एक सुबह काम के लिए सांताक्रूज से गुजर रहा था, तो मैंने 50 के दशक के महान रोमांटिक हार्टथ्रॉब, उस समय के कुछ सबसे सफल फिल्मों के नायक, भारत भूषण को बस स्टॉप पर कतार में खड़े देखा! एक साधारण नागरिक. भीड़ का हिस्सा. अकेला, अनजान. कोई भी उन्हें पहचान नहीं रहा था. कोई नहीं जानता था कि वह कौन था."

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उन्होंने आगे कहा, "मैं रुकना चाहता था और उन्हें कार में बिठाकर उनके गंतव्य तक छोड़ना चाहता था, लेकिन मैं हिम्मत नहीं जुटा पाया. मुझे डर था कि मैं उन्हें शर्मिंदा कर दूंगा और मैं गाड़ी चलाता रहा. लेकिन वह दृश्य मेरे साथ रहा और हमेशा रहेगा. यह किसी के साथ भी हो सकता है. हममें से किसी के साथ भी."

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