पेरेंट और बच्चे का रिश्ता बहुत ही अनोखा होता है. कभी ये बेस्ट फ्रेंड होते हैं, कभी एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते हैं. नेटफ्लिक्स टेलीविजन स्क्रीन पर लेकर आया है ऐसे ही पेरेंट-बच्चों की जोड़ी की बेहतरीन कहानियां. ये निश्चित तौर पर आपको पेरेंट्स के हमारे जीवन में होने की अहमियत को सोचने पर मजबूर कर देंगी और उनकी मौजूदगी आपको अच्छी लगेगी. इन फिल्म को पेरेंट्स के साथ देखने पर मजा दोगुना हो जाएगा.
गिन्नी एंड जॉर्जिया
एक मां और उसकी टीनएजर बेटी के बीच का रिश्ता किसी रोमांचक सफर से कम नहीं होता. ‘गिन्नी एंड जॉर्जिया' में उस सफर को बेहतरीन तरीके से पेश किया है. गिन्नी एक अजीबोगरीब टीन है और जॉर्जिया अपारम्परिक यंग मां, जिनके बीच जबर्दस्त झगड़े होते हैं, लेकिन इस सफर को खास बनाता है उनका बॉन्ड जो उन्हें एक-दूसरे से अलग नहीं होने देता.
नेवर हैव आई एवर
ऊपर से देखने पर यह एक आम टीनएज भारतीय–अमेरिकन लड़की की कहानी लगती है, जो प्यार, दोस्ती और अपनी पहचान के लिये दुनिया को समझने की कोशिश कर रही होती है. बड़ी ही सूक्ष्मता से, यह शो परिवार के नुकसान का दुख, एक मां और बेटी के बीच के नाजुक रिश्ते और जीवन को आगे बढ़ाने के संघर्ष के बारे में बताता है. मैत्रेयी रामकृष्णन (देवी) और पूर्णा जगन्नाथन (नलिनी) बेहद ईमानदारी और सटीकता से भूमिकाओं को निभाया है. कई बार यह आपको भुला देता है कि यह रिश्ता सिर्फ स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है.
त्रिभंग: टेढ़ी मेढ़ी क्रेजी
यह परिवार के साथ बैठकर देखी जाने वाली एक क्लासिक फिल्म है, जिसमें सशक्त महिलाओं के बीच मनमुटाव की उस खूबसूरती और उन्हें स्वीकार करने की अहमियत को दर्शाया गया है. तीन पीढ़ी की महिलाएं- दादी (तन्वी आजमी) मां, (काजोल) और बेटी (मिथिला पालकर) का खून का रिश्ता है, लेकिन वे अपनी जिंदगी को बहुत अलग तरीके से जीना पसंद करती हैं. यह फिल्म प्यार, परवाह और स्वीकृति के खूबसूरत विचारों के साथ छोड़ती है.
गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल
यह फिल्म बाप-बेटी के रिश्ते को तरोताजा करने वाली है. गुंजन ने उड़ने की ठान ली है लेकिन उसकी मां और भाई उसके फैसले से सहमत नहीं हैं, लेकिन उसके पिता अपनी अंतहीन प्रेरणा और अपने साथ से इसे पूरा करते हैं. गुंजन को भारतीय वायुसेना की परीक्षा पास करने के लिये अपना वजन कम करना है. साथ ही उसके पापा देर रात जागकर उसे वह उत्साहजनक बातें कहते हैं जिसकी उसे जरूरत है, यह हमारे दिलों को पिघला देती है और हमें हमारे पेरेंट्स के त्याग की याद दिलाती है.