आयुष्मान खुराना अपनी फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' को मिल रहे बेहतरीन पॉजिटिव रिव्यूज और माउथ पब्लिसिटी का आनंद ले रहे हैं. आयुष्मान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अब तक के सबसे अधिक रिस्क लेने वाले एक्टर भी हैं. यह बात अलग फिल्मों में अपने किरदार से वे साबित करते रहे हैं. आयुष्मान, शुभ मंगल सावधान में इरेक्टाइल डिसफंक्शन से परेशान व्यक्ति, विक्की डोनर में स्पर्म डोनर, बाला में गंजे आदमी, शुभ मंगल ज्यादा सावधान में एक खुले तौर पर समलैंगिक शख्स और अब चंडीगढ़ करे आशिकी में एक ट्रांस-वुमन के प्यार में पड़ने वाले इंसान का किरदार निभाने से नहीं कतराते. आयुष्मान कहते हैं कि उन्होंने यह सोचकर कभी कोई स्क्रिप्ट नहीं चुनी कि यह बॉक्स ऑफिस पर कितनी कमाई करेगी
आयुष्मान खुराना कहते हैं, 'विक्की डोनर में अपनी डेब्यू के बाद से, मैंने ऐसी फिल्मों को चुना है जिन्हें सामाजिक तौर पर अपरंपरागत या वर्जित माना जाता रहा है. मुझे लगता है कि भारत में ऐसी फिल्में बनना जरूरी है. मैंने उन अहम विषयों पर चर्चा शुरू करने की जरूरत महसूस की है जिन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. चंडीगढ़ करे आशिकी, मेरी फिल्मोग्राफी में एक ऐसी ही फिल्म है और मुझे इस पर बेहद गर्व है. मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे अभिषेक कपूर के रूप में एक क्रिएटिव पार्टनर मिला. अभिषेक भी मानते हैं कि भारत में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को प्रभावित करने वाले विषयों को प्रकाश में लाने की जरूरत है. इस बातचीत को प्रासंगिक और मुख्यधारा में लाने का यह हमारा प्रयास था और मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ये फिल्म ऐसा ही करेगी.'
टाइम मैगजीन द्वारा 'दुनिया में सबसे प्रभावशाली लोगों' में शुमार किए गए आयुष्मान, कहते हैं, 'मैंने अपने बॉक्स ऑफिस फायदे को ध्यान में रखकर कभी कोई फिल्म नहीं की है. मुझे उस तरह से नहीं ढाला गया है और मुझे नहीं लगता कि लोग मुझसे किसी आसान किरदार की उम्मीद करते हैं. इसलिए, चंडीगढ़ करे आशिकी मेरी अब तक की सबसे जोखिम भरी फिल्मों में से है और फिल्म बॉक्स ऑफिस जैसा भी करे, मैं रिस्क लेना जारी रखूंगा क्योंकि इंसान के तौर पर भी मैं वैसा ही हूं.'
बॉक्स ऑफिस काउंटर पर फिल्म कैसा प्रदर्शन करेगी यह सोच कर अपना सिर फोड़ने के बजाय आयुष्मान लीक तोड़ने वाली अपनी फिल्मों के माध्यम से अपनी देशव्यापी बहस छेड़ने का विकल्प चुनेंगे. वे कहते हैं, 'अगर मैं समाज को बेहतर बनाने की दिशा में बातचीत शुरू कर सकता हूं, तो नतीजों के बारे में सोचे बगैर मैं अपने दिल की आवाज सुनना पसंद करूंगा. मैंने अपने दिल की आवाज सुनकर फिल्में चुनी हैं और आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा. मैं एक एंटरटेनर हूं और अपनी तरह के सिनेमा से लोगों को इंगेज करने की कोशिश करूंगा. मैं किसी भी चीज के लिए खुद को बदलते हुए नहीं देखता.'