जहां लंबे समय तक फिल्मी संगीत का बोलबाला रहा, वहीं अरमान मलिक उन कुछ पहले मुख्यधारा के भारतीय कलाकारों में से हैं जिन्होंने एक अलग रास्ता चुना. वह रास्ता जो व्यक्तिगत, गैर-फिल्मी कहानी कहने पर केंद्रित था. इस शुरुआती बदलाव ने न केवल उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया, बल्कि भारत की बढ़ती पॉप म्यूजिक पहचान के लिए भी नींव रखी.
अक्सर भारतीय पॉप या I-पॉप के अग्रदूत के रूप में पहचाने जाने वाले अरमान का काम लगातार सांस्कृतिक और संगीतात्मक सीमाओं को जोड़ता रहा है. उनकी संगीत शैली भारतीय जड़ों को वैश्विक पॉप प्रभावों के साथ मिलाती है, और बहुभाषी अप्रोच उन्हें सीमाओं से परे श्रोताओं से जुड़ने में सक्षम बनाती है. चाहे अंग्रेज़ी हो, हिंदी या तेलुगु, उनकी संगीत में एक अनूठा भावनात्मक धागा होता है जो इसे करीब और व्यापक दोनों बनाता है.
उनकी शुरुआती अंग्रेज़ी भाषा की रिलीज़ और अंतरराष्ट्रीय सहयोगों ने चुपचाप अन्य भारतीय कलाकारों के लिए गैर-फिल्मी स्वतंत्र संगीत की राह खोली. बिना शोर किए, अरमान ने धीरे-धीरे एक ऐसा संगीत संग्रह तैयार किया है जो गहराई से व्यक्तिगत, वैश्विक दृष्टि वाला और रचनात्मक रूप से निडर है.
आज वे भारतीय पॉप संगीत की ध्वनि को बड़े फेरबदल के बिना, बल्कि सोच-समझ कर लिए गए विकल्पों और प्रामाणिकता के प्रति लगातार प्रतिबद्धता के साथ बढ़ा रहे हैं. उनकी यात्रा एक नए तरह के भारतीय कलाकार के उभरने की कहानी कहती है, जो अपनी पहचान में स्थिर, कई संस्कृतियों में पारंगत, और अपनी आवाज में कहानियां कहने से कभी नहीं घबराता. अरमान मलिक का रास्ता पारंपरिक नहीं रहा, लेकिन उसने धीरे-धीरे, फिर भी साफ़ तौर पर, भारतीय पॉप को विश्व मंच पर अपनी जगह बनाने के लिए दरवाज़े खोल दिए हैं.