एनडीटीवी गुड टाइम्स पर बॉलीवुड अभिनेत्री और सिंगर श्रुति हासन ने मशहूर म्यूजिक कंपोजर ए.आर. रहमान का एक खास इंटरव्यू लिया. बातचीत के दौरान दोनों ने संगीत, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रहमान के जीवन के भावनात्मक पलों पर खुलकर चर्चा की. श्रुति हासन ने रहमान से पूछा कि आज के समय में जब AI खुद-ब-खुद धुनें बना रहा है और गाने तैयार कर रहा है, तो असली कलाकारों का क्या होगा? इस पर रहमान ने बेहद सोच-समझकर जवाब दिया और कहा कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए होना चाहिए, चोरी करने के लिए नहीं.
AI पर क्या बोले एआर रहमान?
श्रुति हासन ने एआर रहमान से सवाल किया, "आज AI म्यूज़िशियंस और सिंगर्स को रिप्लेस कर रहा है. अपने आप गाने और धुनें बन रही हैं. इस पर आपका क्या कहना है?". इस पर रहमान ने कहा कि उन्हें लगता है, अब वक्त आ गया है कि इसके लिए कुछ नियम बनाए जाएं. उन्होंने कहा, "किसी को किसी की पहचान या कला नहीं चुरानी चाहिए. क्रिएटिविटी से कुछ नया करें, लेकिन किसी और का काम कॉपी न करें. हमें इस मामले में थोड़ा सख्त होना पड़ेगा".
कैसे हुआ म्यूजिक से लगाव
एआर रहमान ने आगे अपने शुरुआती जीवन के अनुभव भी साझा किए. उन्होंने बताया कि उनके पिता कैंसर से पीड़ित थे और जब उनकी मृत्यु हुई, वह उनके लिए बहुत डार्क टाइम था. उस समय रहमान बहुत छोटे थे, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि उनके पिता अपने पीछे केवल यादें नहीं, बल्कि संगीत के साधन भी छोड़ गए हैं- जैसे कीबोर्ड और रिदम मशीन. रहमान ने कहा, "मैंने तब सोचा कि मैं संगीत की ओर क्यों आकर्षित हूं, तो एहसास हुआ कि यह सब मेरे पिता की विरासत है. शायद इसलिए मैं आज इस दिशा में हूं".
इंटरव्यू के दौरान रहमान ने यह भी कहा कि संगीत उनके लिए सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जुड़ाव है. उन्होंने बताया कि वह हर धुन में एक कहानी और भावनाएं ढूंढते हैं. वहीं श्रुति हासन ने रहमान की इस सोच की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सादगी और गहराई ही उन्हें 'संगीत का जादूगर' बनाती है.