संघर्ष से भरी रही गायिका Anuradha Paudwal की जिंदगी, पहले पति और फिर जवान बेटे को खोने से टूटा था दुखों का पहाड़

भले ही अनुराधा पौडवाल एक जाने-माने गायिका बन गईं लेकिन उनकी निजी जिंदगी उतनी ही ज्यादा दर्द भरी रही. आज उनके जन्मदिन के मौके पर रूबरू कराते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातों से.

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नई दिल्ली:

अनुराधा पौडवाल उन गायिकाओं में से एक है जिनकी आवाज में जादू है, जिसे सुनकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो जाता है. 27 अक्तूबर यानी आज सुरों  की उसी मल्लिका का जन्मदिन है. 27 अक्तूबर 1954 को जन्मीं अनुराधा पौडवाल को बचपन से ही संगीत से खास लगाव था. अनुराधा पौडवाल ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत साल 1973 में अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की फिल्म 'अभिमान' से की थी. इस फिल्म में उन्होंने एक छोटा सा श्लोक गाया था. हालांकि उन्हें पहला ब्रेक सुभाष घई की फिल्म 'कालीचरण (1973)' में मिला. इसके बाद अनुराधा की सुरीली आवाज धीरे धीरे छाने लगी.  फिल्म इंडस्ट्री में प्ले प्लेबैक सिंगर के तौर पर अनुराधा पौडवाल ने कई साल तक लोगों के दिलों पर राज किया. लेकिन जब अनुराधा पौडवाल के कैरियर पीक पर था तभी उन्होंने घोषणा कर दी कि अब वो सिर्फ टी सीरीज के लिए गाएंगी. यहां से उनके भजन गाने की शुरुआत हुई. अनुराधा पौडवाल एक जानी मानी गायिका बन गईं लेकिन उनकी निजी जिंदगी उतनी ही ज्यादा दर्द भरी रही.  आज उनके जन्मदिन के मौके पर रूबरू कराते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातों से.

अनुराधा पौडवाल के फिल्मी करियर पर नजर डालें तो उनके गाए हुए गानों में, 'आशिकी' का 'दिल है कि मानता नहीं', 'धक धक करने लगा', 'कह दो कि तुम हो मेरे, 'तू मेरा हीरो है', 'बहुत प्यार करते हैं', 'तेरा नाम लिया' जैसे गाने शामिल हैं जो आज काफी ज्यादा मशहूर हैं. 1990 के दशक में अनुराधा पौडवाल ने बॉलीवुड में अपने करियर की ऊंचाइयों को छुआ था. इस दौरान उन्होंने सिर्फ टी सीरीज के लिए गाने का फैसला किया. दुर्भाग्यवश 1997 में गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई जिसके बाद अनुराधा पौडवाल ने फिल्मी गाने को छोड़ दिया और केवल भजन गाने लगीं. आपको बता दें कि अनुराधा पौडवाल ने हिंदी के साथ साथ बंगाली, कन्नड़ और तेलुगु भाषा में भी गीत गाए हैं. वो गायन के क्षेत्र में काफी एक्टिव हैं. साल 2017 में भारत  सरकार ने अनुराधा पौडवाल को पद्मश्री से सम्मानित किया.

अनुराधा पौडवाल की निजी जिंदगी पर नजर डालें तो उनका जीवन बहुत कष्टदायक रही है. अनुराधा पौडवाल की शादी अरुण पौडवाल से हुई जो खुद भी एक संगीतकार थे.  इस शादी से अनुराधा को दो बच्चे बेटा आदित्य और बेटी कविता हुए.  शादी के बाद अनुराधा एक खुशहाल जीवन जी रही थीं  लेकिन अचानक एक दुर्घटना में उनके पति अरुण पौडवाल की मृत्यु हो गई.  इस हादसे  से अनुराधा बुरी तरह टूट गईं और अपने दोनों बच्चों की परवरिश उन्होंने अकेले ही की. इसके बाद 2020 में उनके जवान बेटे आदित्य का किडनी की बीमारी के चलते निधन हो गया.  पति के बाद बेटे के जाने के गम ने अनुराधा पौडवाल को अंदर से तोड़ दिया. अब उनकी जिंदगी में उनकी बेटी कविता ही हैं.

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