NDTV world summit में Anasuya Sengupta ने कहा है कि आज देश की सभी भाषाओं की फिल्मों को पसंद किया या जा रहा है. उन्होंने कहा, मैंने जिंदगी में कुछ भी प्लान नहीं किया. इंग्लिश में बीए किया. मैं एक्टिंग करना चाहती थी. मुंबई आ गई. मैंने प्रोडक्शन डिजाइनर के तौर पर काम शुरू किया. डायरेक्टर शेमलेस ने मुझ अप्रोच किया. इस तरह 15 साल मुझे मेरा सपना पूरे करने का मौका मिला, जिसे मैं भूल चुकी थी. अब मेरा समय बतौर एक्टर है. हर अनुभव से मैंने कुछ नया सीखा है. भारतीय टैलेंट को दुनियाभर में देखने का नजरिया बदल गया है. पिछले कुछ समय में भारतीय टैलेंट की रीच बढ़ी है. पिछले 10 साल में महिलाओं की आवाज आर्ट्स की दुनिया में काफी बुलंद हुई है. इसकी मिसाल पायल कपाड़िया की जीत और लापता लेडीज का ऑस्कर की दौड़ में पहुंचना है.
मानसी माहेश्वरी ने कहा कि मेरी टीम में दुनियाभर के लोग हैं. इसलिए मेरी फिल्में इंग्लिश में रहती हैं. मेरी टीम में कई लोग भारत, साउथ अमेरिका और अन्य कई देशों से हैं. फिल्मों में एआई के इस्तेमाल पर वो बोलीं, एआई मैं सिर्फ ईमेल के लिए यूज करती हूं. मैंने अपनी फिल्म को बनाने के लिए कैमरा भी इस्तेमाल नहीं किया है. 18 फोटो हैं जिन्हें स्कैन किया है. मैंने कभी भी स्कूल के दौर में एक्टिंग करने के बारे में नहीं सोचा. मुझे हमेशा लगा कि डायरेक्शन सही आइडिया है.
अनसुया ने कहा, मेरे पिता बिजनेस मैन थे और हमारा खानदानी काम था. ज्यादा कुछ करने को था नहीं इसलिए मैंने एनिमेशन क्रिएट करना शुरू किया और इंस्टाग्राम पर डालना शुरू कर दिया. यह सब फन के लिए था. मेरी स्टोरीटेलिंग उन लोगों के लिए थी जो उनसे जुड़ाव महसूस कर सकें. चिदानंद ने कहा कि मैं वही स्टोरी कहता हूं जहां से मैं आया हूं. इस तरह मेरी कहानियां मुझे तो पेश ही करती हैं साथ ही उस माहौल को भी जहां से मैं आया हूं. फोकस स्टोरी कहने पर है क्योंकि भाषा अभी कोई बाधा नहीं रही है.