बॉलीवुड के कुछ गीत ऐसे रहे हैं, जिन्होंने समय की सीमा से परे जाकर असर दिखाया है. दौर कोई भी रहा हो लेकिन इन गानों का महत्व कभी कम नहीं हुआ. 1983 में आई फिल्म अवतार का गाना 'चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है' भी ऐसा ही गाना है. राजेश खन्ना और शबाना आजमी पर फिल्माया गया यह गाना माता वैष्णों देवी के भक्तों के बीच आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना उस दौर में था. इस गीत को महेंद्र कपूर, आशा भोंसले और नरेंद्र चंचल ने गाया है. इसका संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का है जबकि इसके लिरिक्स आनंद बख्शी ने लिखे हैं.
इस गीत को नरेंद्र चंचल ने गाया था. नरेंद्र चंचल उस समय तक बॉलीवुड में बॉबी, बेनाम और रोटी कपड़ा और मकान जैसी फिल्मों में गीत गा चुके थे. इसके अलावा आशा फिल्म का तूने मुझे बुलाया भजन गा चुके थे. वह भी काफी पॉपुलर हुआ था. लेकिन लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और आनंद बख्शी की सुपरहिट जोड़ी के साथ जब नरेंद्र चंचल आए तो छा गए. इस गीत को लिखने के पीछे एक दिलचस्प कहानी भी बताई जाती है.
जब राजेश खन्ना ने आनंद बख्शी को मारा था ताना
बताया जाता है कि आनंद बख्शी और राजेश खन्ना अवतार के गाने लिखने के लिए साथ बैठे थे. महफिल जमी हुई थी. आनंद बख्शी लिखे जा रहे थे और पन्ने फाड़ते जा रहे थे. कुछ क्लिक नहीं कर रहा था. तभी राजेश खन्ना ने कहा, 'या तो पीना छोड़ दो या लिखना छोड़ दो.' तभी आनंद बख्शी महफिल छोड़कर बाहर चले गए और जब लौटे तो उन्होंने तुरंत लिखा, 'चलो बुलावा आया है.' इस तरह यह गाना तैयार हुआ.
राजेश खन्ना का कहना था कि आनंद बख्शी आम आदमी की जुबान में गीत लिखते हैं. इस बात को आनंद बख्शी के अधिकतर गानों में अच्छे से महसूस भी किया जा सकता है. अवतार को मोहन कुमार ने डायरेक्ट किया था. ये फिल्म राजेश खन्ना के लिए काफी अहम फिल्म थी क्योंकि यह उस दौर में रिलीज हुई थी जब उनका करियर ढलान पर था. लेकिन इस फिल्म में उनकी एक्टिंग ने एक बार फिर से उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम किया. फिल्म के रीमेक तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम सभी भाषाओं में बने थे.