हिंदी फिल्मों के इस लीजेंड्री विलेन को अपने नेगेटिव रोल के लिए कभी नहीं मिला अवॉर्ड, आपने पहचाना ?

इन्हें अपनी अलग-अलग परफॉर्मेंस के लिए सात बार नॉमिनेट किया गया लेकिन हर बार इनके हिस्सा बस तालियां ही रहीं. अवॉर्ड दूसरे ले गए.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
आपने इन्हें पहचाना ?
नई दिल्ली:

बॉलीवुड फिल्म में एक विलेन उतना ही जरूरी होता है जितना कि एक हीरो क्योंकि अगर विलेन बढ़ियां ढंग का खतरनाक नहीं है तो हीरो की जीत में उतना मजा नहीं आता. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में पॉपुलर विलेन के रोल करने वाले कुछ सबसे मशहूर एक्टर हैं अमजद खान, अजीत, प्रेम चोपड़ा, प्राण, रंजीत और कुलभूषण खरबंदा हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इनमें से किसी ने भी निगेटिव रोल में बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए अवॉर्ड नहीं जीता. दरअसल इस अवॉर्ड की शुरुआत 1992 में हुई थी और इसे आखिरी बार 2007 में दिया गया. 31 साल पहले शुरू किए जाने के बाद भी एक महान एक्टर को ये अवॉर्ड नहीं मिला. इन्हें एक नहीं सात बार नॉमिनेट किया गया लेकिन इसके बाद भी ये फिल्म फेयर का ये अवॉर्ड जीतने में नाकाम रहे. यह कोई और नहीं बल्कि दिवंगत एक्टर अमरीश पुरी हैं.

सात बार नॉमिनेट हुई फिर नहीं मिल पाया अवॉर्ड

अमरीश पुरी को अपना पहला नॉमिनेशन 1992 में सौदागर में चुनिया मामा के रोल के लिए मिला. उस साल सदाशिव अमरापुर को सड़क में महारानी के रोल के लिए ये अवॉर्ड दिया गया. अगले साल अमरीश पुरी को तहलका में जनरल डोंग के रोल में उनकी जबरदस्त परफॉर्मेंस के लिए नॉमिनेट किया गया...लेकिन नाना पाटेकर ने अंगार में माजिद खान के रोल के लिए ये अवॉर्ड जीता. 1994 में भी ये अवॉर्ड उनके हाथ नहीं लगा. इस बार परेश रावल के गैंगलॉर्ड वेलजी की परफॉर्मेंस को सम्मानित किया गया. 1994 में अमरीश पुरी दामिनी में वकील इंद्रजीत चड्ढा वाले रोल के लिए नॉमिनेटेड थे.

परदेस एक्टर को 1996 में करण अर्जुन में दुष्ट दुर्जन सिंह की रोल के लिए चौथी बार नॉमिनेट किया गया...लेकिन इस बार मिथुन चक्रवर्ती जीत गए. उन्हें जल्लाद में अमावस उर्फ विजय बहादुर कुंवर के रोल के लिए अवॉर्ड मिला. 1998 में पुरी को कोयला में राजा साहब के रोल के लिए नॉमिनेट किया गया लेकिन यह अवॉर्ड गुप्त में ईशा दीवान के रोल में उनकी शानदार एक्टिंग के लिए काजोल को मिला और वह निगेटिव रोल में फिल्म फेयर जीतने वाली पहली एक्ट्रेस बनीं.

Advertisement

2000 में, पुरी को बादशाह में सूर्य सिंह थापर के रोल के लिए छठी बार नॉमिनेट किया गया...लेकिन आशुतोष राणा संघर्ष में लज्जा शंकर पांडे के रोल से ये अवॉर्ड अपने नाम कर ले गए. पुरी का सातवां और आखिरी नॉमिनेशन 2002 में गदर: एक प्रेम कथा में मेयर अशरफ अली के रोल के लिए आया जिसका सीक्वल इस समय बॉक्स ऑफिस पर गदर मचा रहा है...लेकिन उस बार अक्षय कुमार को अजनबी में विक्रम 'विक्की' बजाज के रोल के लिए अवॉर्ड मिल गया.

Advertisement

ऐसा नहीं है कि अमरीश पुरी को अपने पूरे करियर में कोई फिल्मफेयर अवॉर्ड नहीं मिला. उन्हें 1986 में मेरी जंग में जीडी ठकराल और 1997 में घातक में शंभू नाथ के रूप में उनकी संजीदा एक्टिंग के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर कैटेगरी में अवॉर्ड मिला. इसके बाद 1998 में विरासत में राजा ठाकुर के लिए भी इसी कैटेगरी में अवॉर्ड मिला था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Pilibhit में खालिस्तान के तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद कैसे खुल गई Pakistan की पोल?