यहां से 50-50 कोस दूर गांव में जब बच्चा रोता है तो मां कहती है बेटा सो जा नहीं तो गब्बर आ जाएगा. फिल्म शोले में डाकू गब्बर सिंह का ये डायलॉग आज भी बच्चे बच्चे की जुबां पर है. फिल्म में गब्बर का किरदार निभाने वाले अमजद खान के यूं तो सभी किरदार बेहतरीन थे लेकिन गब्बर के रोल में जो जान उन्होंने फूंकी उसकी बात ही कुछ और है. 'अरे ओ सांभा' हो या 'कितने आदमी थे' जिस देसी ठेठ अंदाज में गब्बर ने ये डायलॉग बोले उसने फिल्म को ब्लॉकबस्टर हिट बना दिया. वैसे तो गब्बर के किरदार को गढ़ने में कई लोगों का हाथ है लेकिन खुद गब्बर यानी अमजद खान ने इस रोल के सफल होने का श्रेय किसे दिया था आप खुद ही सुन लीजिए.
बॉलीवुड में चुनिंदा ऐसी फिल्में और किरदार हैं जिन्हें सालों साल याद किया जाता है उन्हीं में से एक है फिल्म शोले. फिल्म में अपनी दमदार आवाज, ठेठ अंदाज और क्रूर चेहरे से दर्शकों के दिल में खौफ पैदा कर देने वाला गब्बर ही फिल्म का असली हीरो माना जाता है. फिल्म में इस किरदार को बखूबी निभाया था अमजद खान ने. जाहिर है इस किरदार को गढ़ने में काफी मशक्कत की गई होगी. पर क्या आप जानते हैं कि खुद गब्बर यानी अमजद खान ने अपने रोल के हिट होने का क्रेडिट किसे दिया था. दरअसल ये और कोई नहीं बल्कि जाने माने म्यूजिक डायरेक्टर आरडी बर्मन यानी पंचम दा हैं. फिल्म हिस्ट्री पिक नाम के ट्विटर अकाउंट से अमजद खान का यह पुराना इंटरव्यू वीडियो शेयर किया गया है.
अमजद खान ने खुद एक इंटरव्यू में अपने किरदार का जिक्र करते हुए बताया था कि गब्बर के किरदार को हिट बनाने में जितना योगदान रमेश सिप्पी और राइटर्स का था उतना ही क्रेडिट फिल्म के बैकग्राउंड म्यूज़िक और उस अजीबोगरीब धुन का भी कमाल था जो फिल्म में गब्बर की एंट्री के वक्त बजा करती थी. अमजद खान ने इसका पूरा श्रेय पंचम दा को दिया था. उन्होंने बताया था कि गब्बर के जान भरने और तहलका मचाने का काम किया था. फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक और महबूबा गाने ने. शायद यही वजह है कि आज भी जब खूंखार खलनायकों का जिक्र होता है तो लिस्ट में सबसे पहला नाम गब्बर का आता है. खूंखार आंखें और लोगों को मारकर ठहाके लगाने वाले गब्बर जैसा ना कोई था और शायद ना कोई हो पाएगा. शोले के डाकू यानी अमजद खान भले ही आप हमारे बीच ना हो लेकिन उनका निभाया हुआ ये किरदार पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों के दिल में बसा हुआ है.