‘सो जा बेटा वरना गब्बर आ जाएगा' इस डायलॉग को सुनते ही फिल्म शोले के खुंखार डाकू का चेहरा सामने आ जाता है. अमजद खान, जिन्होंने गब्बर सिंह के किरदार को अमर कर दिया, पर्दे पर जितने खतरनाक नजर आते थे, असल जिंदगी में उतने ही सौम्य थे. वह एक फैमिली मैन और टूट कर प्यार करने वाले एक प्रेमी थे. उनकी लव स्टोरी भी किसी फिल्म से कम नहीं थी. ये प्रेम कहानी अमजद और उनकी पत्नी शेहला की है.
अमजद खान और शेहला खान मुंबई के बांद्रा में पड़ोसी थे. जब शेहला खान 14 साल की उम्र में स्कूल में थीं, तब अमजद कॉलेज में बीए की पढ़ाई कर रहे थे. दोनों साथ में बैडमिंटन खेलते थे और तभी अमजद ने शेहला से कहा कि वह उन्हें 'भैया' न कहे. जल्द ही, जब शेहला स्कूल से घर लौट रही थीं, अमजद ने उनसे अपने प्यार का इज़हार कर दिया. उन्होंने कहा, "जल्दी करो और बड़ी हो जाओ क्योंकि मैं तुमसे शादी करने वाला हूं."
कुछ समय बाद, अमजद खान ने शेहला खान के घर शादी का आधिकारिक शादी का प्रस्ताव भेजा, जिसे शेहला के पिता ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उनकी बेटी अभी बहुत छोटी है. अभिनेता गुस्से से आग बबूला हो गए और उन्होंने शेहला से यहां तक कह दिया कि अगर ऐसा उनके गांव में होता, तो वह उस परिवार की तीन पीढ़ियों को मिटा देते जिन्होंने उनके शादी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था. शेहला के पिता अख्तर उल-इमान ने उन्हें अमजद से दूर रहने को कहा, लेकिन शेहला उनके संपर्क में रहीं.
अलीगढ़ जाने के बाद, शेहला खान ने अमजद खान को चिट्ठियां लिखनी शुरू कर दी. हालांकि, मामला तब गंभीर हो गया जब अलीगढ़ में बीमार पड़ने के बाद शेहला मुंबई लौट आईं और अमजद खान से फ़ारसी की कक्षाएं लेने लगीं, जिनकी विदेशी भाषा पर अच्छी पकड़ थी. एक बार, एक पुराने इंटरव्यू में, शेहला ने यह भी खुलासा किया था कि उन्होंने अपने जीवन की पहली एडल्ट फिल्म अमजद के साथ देखी थी. एक-दूसरे के साथ कुछ समय बिताने के बाद, अमजद और शेहला ने शादी करने का फैसला किया. इस बार, शेहला के पिता ने उनके बाकी जीवन साथ बिताने के फैसले पर सहमति जताई. इस जोड़े ने 1972 में शादी की और उनके तीन बच्चे हुए, शादाब खान, अहलम खान और सीमाब खान.