अमिताभ बच्चन की इन 4 फिल्मों ने एक ही महीने में हिला कर रख दिया था बॉक्स ऑफिस, 46 साल पहले हुआ था अनोखा करिश्मा

अमिताभ बच्चन उन सितारों में से हैं जिनकी एक साल नहीं बल्कि सिर्फ एक ही महीने में चार फिल्में रिलीज हुईं. दिलचस्प बात ये है कि उन चारों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर भी जमकर कमाई की और हिट साबित हुईं.

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अमिताभ बच्चन की ये कामयाबी आज भी है एक रिकॉर्ड
नई दिल्ली:

अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक सिर्फ इसलिए नहीं कहा जाता क्योंकि वो फिल्म इंडस्ट्री के बाकमाल कलाकार हैं. उन्हें ये टाइटल देने के पीछे की एक बड़ी वजह भी है. पहली वजह तो ये कि अमिताभ बच्चन जैसा स्टारडम किसी सितारे को हासिल नहीं हुआ. और, दूसरी वजह ये कि उनकी फिल्में बैक टू बैक हिट हुआ करती थीं. आपने अक्सर सितारों के बारे में ये सुना होगा कि वो साल में एक या दो फिल्में ही करते हैं ताकि परफेक्ट नजर आ सकें. रोल में उतरने के लिए महीनों रियल एक्सपीरियंस लेते हैं, तब जाकर साल में एक या दो फिल्में रिलीज होती हैं. इससे उलट अमिताभ बच्चन वो सितारे हैं जिनके नाम बॉक्स ऑफिस का जबरदस्त रिकॉर्ड दर्ज है, जिसे अब तक कोई सितारा नहीं तोड़ सका है.

एक महीने में चार फिल्में

सितारे जहां कम फिल्में और बेहतर काम की कोशिश करते हैं, वहीं अमिताभ बच्चन उन सितारों में से हैं जिनकी एक साल नहीं बल्कि सिर्फ एक ही महीने में चार फिल्में रिलीज हुईं. दिलचस्प बात ये है कि उन चारों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर भी जमकर कमाई की और हिट साबित हुईं. इस बारे में खुद अमिताभ बच्चन ने आईटीएमबी शो में एक इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू के मुताबिक साल 1978 वो साल था जब एक महीने में उनकी चार फिल्म रिलीज हुईं. इन चार फिल्मों में से कसमें वादे 21 अप्रैल 1978 को रिलीज हुई. बेशर्म, 28 अप्रैल 1978 को, त्रिशूल 5 मई 1978 को और डॉन मूवी 12 मई 1978 को रिलीज हुईं थीं. रिलीज डेट के अनुसार ये समझना आसान है कि तीस से भी कम दिन के भीतर अमिताभ बच्चन ने चार चार हिट फिल्में दीं.

बैक टू बैक फिल्म से नुकसान

इसी इंटरव्यू में बिग बी से ये भी सवाल हुआ कि बैक टू बैक फिल्म से सितारे की इमेज पर कोई असर नहीं पड़ता या फिल्म को कोई नुकसान नहीं होता. जिसके जवाब में अमिताभ बच्चन ने कहा कि फिल्म की कहानी दमदार होना जरूरी है. फिल्म दर्शकों की कसौटी पर खरी उतरना चाहिए, वो कब रिलीज होती है, उससे इस बात पर कोई असर नहीं पड़ता. उन्होंने ये भी कहा कि अगर फिल्म में कोई दम नहीं है तो वो कभी भी रिलीज हो, उसके टाइमिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता.

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