स्टारडम से लेकर महाकुंभ में सन्यास तक, जानें ममता कुलकर्णी के सफर के बारे में 

ममता कुलकर्णी ने एक दशक से अधिक समय तक सुपरहिट फिल्में बॉलीवुड में दीं, जिसके बाद 2003 में उन्होंने ग्लैमर की दुनिया को अलविदा कह दिया. वहीं अब वह सन्यास ले चुकी हैं.

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ममता कुलकर्णी का स्टारडम से सन्यास तक का सफर
नई दिल्ली:

एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में संन्यास ले चुकी हैं. ममता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें संन्यास लेने के लिए किए जा रहे अनुष्ठान के दौरान अभिनेत्री भावुक होती नजर आईं. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में अभिनेत्री आध्यात्मिक अनुष्ठान के दौरान भावुक थीं और उनकी आंखों में आंसू थे. वीडियो में ममता को संन्यास के मार्ग को अपनाने की तैयारी करते हुए दिखाया गया.  वीडियो में कुलकर्णी भगवा वस्त्र के साथ रुद्राक्ष की माला में दिखाई दीं. महाकुंभ के लिए विशेष रूप से भारत आईं ममता अपनी साथी संन्यासियों के साथ पोज देती दिखाई दीं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘करण अर्जुन' फेम अभिनेत्री ने शुक्रवार को महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया. कहा जाता है कि ममता ने संगम पर पिंडदान की रस्म निभाई थी और उनका राज्याभिषेक किन्नर अखाड़े में हुआ था. महाकुंभ में संन्यासी बनीं अभिनेत्री को एक नया आध्यात्मिक नाम भी दिया गया. ममता कुलकर्णी को 'श्री यमई ममता नंद गिरि' नाम दिया गया. उन्हें एक भव्य पारंपरिक समारोह के दौरान आधिकारिक तौर पर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त किया गया है. 

1972 में जन्मी ममता कुलकर्णी ने कभी शादी नहीं की. पिछले कुछ सालों में उनके और विक्की गोस्वामी के बीच संबंध की अफवाहें उड़ीं. कई रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि दोनों शादीशुदा हैं. पिछले साल इंडिया टाइम्स से बातचीत में ममता कुलकर्णी ने इन अटकलों को खारिज करते हुए इन्हें “पूरी तरह से झूठ” करार दिया. ममता कुलकर्णी ने कहा, “लोगों को किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में नकारात्मक बातें करने से बचना चाहिए जिसके बारे में वे बहुत कम जानते हों या कुछ भी नहीं जानते हों. उदाहरण के लिए, ममता कुलकर्णी के विक्की गोस्वामी से शादी करने की अफ़वाहें पूरी तरह से झूठ हैं - मेरी शादी किसी से नहीं हुई है क्योंकि मेरे पास इसके लिए कभी समय ही नहीं रहा.” 

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आगे उन्होंने कहा, “मैं लोगों से ईमानदारी से अनुरोध करती हूं कि वे मेरे संबंध में ‘पति' या ‘पत्नी' जैसे टाइटल का इस्तेमाल करना बंद करें. मुझे नहीं पता कि इन झूठी अफवाहों के बारे में और क्या कहूं. कुछ लोग सुझाव देते हैं कि मुझे कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए या नोटिस भेजना चाहिए, लेकिन मेरा ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है.”

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ममता कुलकर्णी के डेब्यू की बात करें तो उन्होंने 1991 में शोभा चंद्रशेखर द्वारा डायरेक्ट की गई तमिल फिल्म नानबरगल से डेब्यू किया. इस फिल्म का हिंदी रीमेक बनाया गया, जो कि एक्ट्रेस का बॉलीवुड डेब्यू बना. उनकी टॉप 5 फिल्में तिरंगा, करण अर्जुन, कभी तुम्हें तुम कभी तुम, आशिक अवारा और बाजी हैं. जबकि ममता की आखिरी रिलीज बॉलीवुड  फिल्म साल 2002 में आई ‘कभी तुम कभी हम' थी। वहीं आखिरी फिल्म 2003 में आई बंगाली फिल्म शेश बोंगसोधर में नजर आईं. 

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न्यूज एजेंसी आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में ममता ने भारत और मनोरंजन उद्योग से लंबे समय तक बनाए गए दूरी को लेकर बात की थी. उन्होंने बताया था, "मेरे भारत छोड़ने का कारण अध्यात्म था. 1996 में, मेरा झुकाव आध्यात्म की ओर हुआ और उसी दौरान मेरी मुलाकात गुरु गगन गिरि महाराज से हुई. उनके आने के बाद अध्यात्म में मेरी रुचि बढ़ी और मेरी तपस्या शुरू हुई. हालांकि, मेरा मानना ​​है कि बॉलीवुड ने मुझे शोहरत दी. मैंने बॉलीवुड को छोड़ दिया और साल 2000 से 2012 तक तपस्या जारी रखी. मैंने कई साल दुबई में बिताए, जहां मैं दो बेडरूम वाले फ्लैट में रहती थी और इन 12 सालों में मैंने ब्रह्मचर्य का पालन किया."
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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