धुरंधर के बाद से अक्षय खन्ना को एक्टिंग के धुरंधर के तौर पर देखा जा रहा है. फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस को इतना सराहा गया कि लीड रोल वाले रणवीर सिंह भी किनारे लग गए. हालांकि अक्षय नेगेटिव किरदार में थे. एक खूंखार आतंकी बने जिसने भारते के खिलाफ साजिश रचने में भी कोई कमी नहीं छोड़ी लेकिन फिर भी दर्शकों को उनसे प्यार सा हो गया. ऐसे में धुरंधर के इस हल्ले के बीच हम आपको अक्षय खन्ना की एक ऐसी परफॉर्मेंस दिखाने जा रहे हैं जिसने उनकी अदाकारी की असल गहराई को दिखाया. ये कोई लेटेस्ट फिल्म नहीं बल्कि 18 साल पहले आई गांधी माय फादर थी. जी हां अक्षय कोई आदित्य धर या धुरंधर की खोज नहीं हैं वह लंबे समय से इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं हां ये बात जरूर है कि उन्हें इतनी अटेंशन और लाइम लाइट पहले नहीं मिली.
गांधी जी के बेटे के रोल में थे अक्षय खन्ना
फिल्म गांधी माय फादर (2007) में अक्षय खन्ना ने हरिलाल गांधी का किरदार निभाया था. यह किरदार अक्षय खन्ना के करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस माना जाता है और इसे क्रिटिक्स से खूब सराहा था. अक्षय ने एक परेशान, विद्रोही और पिता की छाया में दबे बेटे के जटिल भावनात्मक संघर्ष को इतनी गहराई से पर्दे पर उतारा कि दर्शक उनके दर्द, क्रोध और असफलता को महसूस करते हैं. बैलेंस एक्टिंग स्टाइल से उन्होंने आंतरिक पीड़ा, निराशा और पिता से प्यार की चाह को बखूबी उभारा – बिना ओवरड्रामेटिक हुए. बिल्कुल ऐसा जैसे कि पूरी मेहनत और सही मसालों के मिक्स से एक डिश तैयार की जाती है.
गांधी माय फादर के इस सीन के आगे फेल हैं 100 धुरंधर और छावा
इस सीन में आप देखेंगे कि महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा के साथ कहीं जा रहे थे. वे ट्रेन में सवार थे और स्टेशन पर भारी भीड़ जुटी हुई थी. अक्षय खन्ना ट्रेन की खिड़की पर आते हैं और अपनी मां के हाथ में एक संतरा थमाते हुए कहते हैं देख मां मैं तेरे लिए क्या लाया है. इस पर गांधी पूछते हैं मेरे लिए क्या लाए हो. अक्षय कहते हैं सिर्फ मेरी बा के लिए. महात्मा गांधी जिंदाबाद...आपकी ये सारी जय जयकार मेरी बा की वजह से है. ट्रेन चल पड़ती है भीड़ महात्मा गांधी की जय के नारे लगाती है और अक्षय ट्रेन के साथ आगे चलते हुए माता कस्तूरबा की जय के नारे लगाते हैं. अक्षय कुमार का ये सीन कुछ ऐसा है जो सोचने पर मजबूर करता है और दिल छू जाता है.