अक्षय कुमार (Akshay Kumar) को फिल्म इंडस्ट्री में "खिलाड़ियों का खिलाड़ी" कहा जाता है. अक्षय ने पिछले कुछ सालों में बॉक्स ऑफिस पर कई हिट फ़िल्में दी हैं. अपने 34 साल के करियर में कई सफल फ़िल्मों के साथ वे बॉलीवुड की "हिट मशीन" के रूप में जाने जाते हैं. हालांकि, तमाम सफलताओं के बाद भी उनके करियर में एक ऐसी फ़िल्म है, जिसे देखकर फैंस दंग रह गए. यह एक ऐसी फ़िल्म है जिसे बी-ग्रेड श्रेणी में माना जाता है, जो एक्टर की आम हाई-प्रोफाइल फिल्मों से अलग है.
वह फिल्म है मिस्टर बॉन्ड. इस फिल्म को अक्षय कुमार के करियर की सबसे खराब कहा जाता है. 2 घंटे और 7 मिनट की इस फिल्म ने फैंस को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि यह फ़िल्म आखिर बनी कैसे? फ़िल्म ने हॉलीवुड जेम्स बॉन्ड सीरीज़ की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश की, लेकिन इसे हिंदी वर्जन में बनाया गया। बॉन्ड कैरेक्टर की शालीनता को नकल करने की कोशिश के बावजूद, मिस्टर बॉन्ड एक बड़ी निराशा साबित हुई. ज़्यादातर फैंस ने इसे अक्षय के करियर का डिजास्टर करार दिया.
1992 में रिलीज़ हुई, मिस्टर बॉन्ड एक एक्शन फिल्म थी. फिल्म की कहानी बॉन्ड नाम के कैरेक्टर पर आधारित थी. इस रोल को अक्षय कुमार ने निभाया है, जो मासूम बच्चों को मानव तस्करी से बचाने के मिशन पर निकलता है. इन बच्चों को ड्रैगन नाम के एक कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन ने अगवा कर लिया है और बॉन्ड को उन्हें बचाने का काम सौंपा गया है. फिल्म की एडिटिंग, इसकी कमजोर कहानी और खराब निर्माण के लिए इस फिल्म की काफी आलोचना हुई. फिल्म को बी-ग्रेड फिल्म का लेबल दिया गया.
मिस्टर बॉन्ड की कहानी
फिल्म में अक्षय एक ईमानदार मुंबई पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाया था, जो एक खतरनाक मिशन पर भेजे जाने के बाद वह अंडरवर्ल्ड द्वारा संचालित मानव तस्करी के गिरोह को विफल करने की कोशिश करता है. फिल्म में एक्ट्रेस शीबा का बोल्ड फोटोशूट दिखाया गया था, जिसमें अक्षय के साथ स्टीमी सीन शामिल थे. बाद में उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने जानबूझकर यह बोल्ड रोल किया, क्योंकि वह अपनी पिछली फिल्मों में निभाई गई “ नई नवेली दुल्हन” की भूमिकाओं से अलग हट कर कुछ करना चाहती थीं.