अभिनेता अक्षय कुमार का जनहित का एक विज्ञापन एक बार फिर विवादों में आ गया है. इस विज्ञापन को लेकर लोगों का कहना है कि यह दहेज प्रथा को बढ़ावा दे रहा है. एक मिनट के इस विज्ञापन में विदाई के रस्म को दिखाया गया है. इस ऐड में आप देख सकते हैं कि एक रोती हुई दुल्हन को उसका पिता भी रोते हुए कार में बिठाकर विदा करता है. तभी अक्षय कुमार की एंट्री होती है, जो पुलिस बने हुए हैं. वे इस विज्ञापन में पिता से कहते हुए दिखते हैं कि वह अपनी बेटी को मौजूदा दो एयरबैग वाले वाहन के बजाए छह एयरबैग वाले वाहन में विदा करें. इस बात पर लड़की के पिता भी सहमत हो जाते हैं.
इसके बाद जो अगला सीन आता है, उसमें छह एयरबैग वाली कार में नवदंपति मुस्कुराते हुए विदा हो जाते हैं. ऐसे में शिवसेना के दो नेता प्रियंका चतुर्वेदी और साकेत गोखले ने इस विज्ञापन की निंदा की है. बता दें, टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की कार हादसे में मृत्यु के बाद यह विज्ञापन ऑनएयर हुआ है. वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी छह एयरबैग वाले वाहनों को प्रोत्साहित करते हुए अपने आधिकारिक अकाउंट पर अक्षय कुमार के इस विज्ञापन को साझा किया. हालांकि घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले करीबी सूत्रों का कहना है कि यह विज्ञापन दहेज प्रथा को बढ़ावा नहीं देता.
इस विज्ञापन का विरोध कर रहीं शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को ट्वीट किया था, "यह समस्या वाला विज्ञापन है. इसे किसने अनुमति दी? क्या सरकार धन का इस्तेमाल इस विज्ञापन में कार की सुरक्षा पहलु को प्रोस्ताहित करने के लिए कर रही है या दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई और अपराध को बढ़ावा देने के लिए". बता दें, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स भी अक्षय कुमार के इस विज्ञापन का सोशल मीडिया पर विरोध कर रहे हैं.
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