1949 में की थी फिल्मी करियर की शुरुआत, 100 साल की उम्र में एक्ट्रेस ने ली अंतिम सांस

तेलुगू सिनेमा में योगदान के लिए चित्तजल्लू कृष्णवेनी को साल 2004 में आंध्र प्रदेश सरकार ने रघुपति वेंकैया पुरस्कार से सम्मानित किया था.

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चित्तजल्लू कृष्णवेनी का निधन
नई दिल्ली:

तेलुगू फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री चित्तजल्लू कृष्णवेनी का रविवार (16 फरवरी) को आयु संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया. वो 100 साल की थीं. अभिनेत्री ने अपने आवास पर अंतिम सांस ली. कृष्णवेनी को उनके अभिनय और तेलुगू सिनेमा के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है. उन्होंने तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री को अपने काम से एक अलग आकार दिया. उन्होंने कई ऐतिहासिक फिल्मों में काम किया जिन्हें सिनेप्रेमी आज भी याद करते हैं. खास बात है कि उन्होंने एनटीआर (नंदमुरी हरिकृष्ण) और घंटासला वेंकटेश्वर राव जैसी प्रतिभाओं को भी पेश किया था.

अभिनेत्री ने 1949 में आई फिल्म ‘केलुगुरम' में अक्किनेनी नागेश्वर राव को कास्ट किया और कई तेलुगू फिल्मों का निर्माण किया. उन्होंने राजकुमार के साथ कन्नड़ में ‘भक्त कुंबारा' भी बनाई जिसमें श्रीदेवी भी अहम भूमिका में थीं.

तेलुगू सिनेमा में योगदान के लिए अभिनेत्री को साल 2004 में आंध्र प्रदेश सरकार ने रघुपति वेंकैया पुरस्कार से सम्मानित किया था. उन्होंने एक पार्श्व गायिका के रूप में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया जिसने इंडस्ट्री पर एक स्थायी प्रभाव डाला. उनके निधन से फिल्म जगत में गहरा शोक है.

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कृष्णवेनी आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के पंगडी की रहने वाली थीं. फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले वह एक नाट्य कलाकार थीं. उनके पिता कृष्ण राव एक डॉक्टर थे. वह 1939 में चेन्नई चली गईं और उन्हें तेलुगू फिल्मों में अभिनय करने के कई प्रस्ताव मिलने लगे. उन्होंने तमिल जैसी दक्षिण भारतीय भाषाओं की फिल्मों में भी अभिनय किया. उन्होंने 1939 में मिर्जापुरम के जमींदार से शादी की. वह चेन्नई में अपने पति के शोभनचला स्टूडियो में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में काम करने लगीं. उनका प्रभाव अगली पीढ़ी तक भी जारी रहा, उन्होंने अपनी बेटी एनआर अनुराधा को फिल्म निर्माण के लिए गाइड भी किया.
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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