फूल और अंगार फेम शांति प्रिया ने काला घोड़ा फेस्टिवल में अपनी परफॉरमेंस से बढ़ाई शोभा

शांति प्रिया की अभिनय कला ने 90 के दशक में उन्हें सिनेमा की दुनिया में मशहूर बना दिया था. फिल्में जैसी कि 'फूल और अंगार', 'सौगंध', और 'इक्के पे इक्का' ने उन्हें 90 के दशक में सन्सेशन बना दिया था.

Advertisement
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

शांति प्रिया की अभिनय कला ने 90 के दशक में उन्हें सिनेमा की दुनिया में मशहूर बना दिया था. फिल्में जैसी कि 'फूल और अंगार', 'सौगंध', और 'इक्के पे इक्का' ने उन्हें 90 के दशक में सन्सेशन बना दिया था. इस अभिनेत्री और शास्त्रीय नृत्यकारी के रूप में, शांति प्रिया ने अपने नाटक 'पवित्र तुलसी' में भगवान तुलसी का किरदार निभाया, जिसमें संदीप सोपरकर ने जलंधर और भगवान विष्णु का किरदार निभाया.

'पवित्र तुलसी' में, शांति प्रिया ने ग्रेस और फ़ानेस के साथ शीर्षकिरदार को निभाया है. तुलसी के किरदार को उसकी शुद्धता और भक्ति और पतिव्रता के लिए जाना जाता है, और शांति प्रिया ने अपने अभिव्यक्ति नृत्य की गतियों और भव्य अभिव्यक्तियों के माध्यम से इन गुणों को सुंदरता से दिखाया है. उनका प्रदर्शन दर्शकों को मोहित कर देने वाला था. अभिनेत्री श्राबणी मुखर्जी और अभिनेत्री के बेटे शुभम रे ने महिला और पुरुष संबंधित भूमिकाओं के लिए आवाज़ दिया है.

प्रत्येक कदम के साथ, शांति प्रिया की अद्वितीय पैर क्रिया और लवणमय गतियों ने दर्शकों को बहुता में ले जाते हैं, जो उन्हें वृंदा की  दुनिया में पहुंचा देती है. उनके अभिव्यक्तियां किरदार की भावनाओं को साझा करती हैं, हर्ष से दुःख तक की भावनाओं को उत्तेजित करती हैं. कहानी खुलते हुए, दर्शक कथा में गहराई से रत्ती जाता है.

शांति प्रिया का 'पवित्र तुलसी' का प्रस्तुतन न केवल उनकी प्रतिभा को दिखाता है बल्कि इससे उनकी समर्पण और मेहनत का साक्षात्कार भी होता है अनगिनत घंटों की अभ्यास और अड़चन के बिना, उन्होंने अपनी कला को पूर्णता की दिशा में समर्थन दिया है, जिससे हर कोई जो उनके प्रदर्शन को देखता है, परमानंदित हो जाता है. व्यावसायिक दृष्टि से, जो थोड़ी देर पहले धारावी बैंक के साथ वापसी कर चुकी है, शांति प्रिया वेत्रीमारन के अगले सिनेमा में दीखने के लिए तैयार है.

Featured Video Of The Day
MUDA Scam: Karnataka CM Siddaramaiah और वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman के खिलाफ FIR की ये है वजह