हिंदी और मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच मराठी एक्ट्रेस केतली चितले ने भी रिएक्ट किया है. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से इस बारे में एक वीडियो साझा किया है. अक्सर खुलकर अपनी बात रखने वाली केतकी चितले ने इस बार हिंदी और मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी राय रखी है, जिसके चलते वह चर्चा में हैं. केतकी ने सवाल उठाया कि आखिर लोगों पर मराठी बोलने का दबाव क्यों डाला जा रहा है? क्या अगर कोई मराठी नहीं बोलेगा तो मराठी भाषा का नुकसान हो जाएगा?
एक्ट्रेस ने शेयर किया वीडियो
केतकी ने इस पूरे मुद्दे पर एक वीडियो अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया. जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. उन्होंने कहा कि जबरदस्ती किसी से मराठी बुलवाना एक तरह से अपनी असुरक्षा को दिखाने जैसा है. उन्होंने यह भी कहा कि मराठी को दुनिया में पहचान दिलाना अच्छी बात है, लेकिन इससे जमीनी स्तर पर कुछ खास बदलाव नहीं होता. केतकी चितले ने सवाल किया कि अगर कोई मराठी नहीं बोलेगा तो क्या मराठी को नुकसान हो जाएगा. जिसे जो बोलना है बोलने दो.
केतकी चितले ने ये भी कहा कि मराठी दुनियाभर की जानी मानी भाषा है. इस बारे में केतकी चितले ने कुछ और वीडियोज भी पोस्ट किए हैं. जिसमें उन्होंने मराठी माध्यम से शिक्षा की वकालत करने वाले नेताओं पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि जो नेता आम लोगों के लिए मराठी स्कूलों की बात करते हैं, वही अपने बच्चों को इंग्लिश या मिशनरी स्कूलों में क्यों पढ़ाते हैं? केतकी ने नेताओं पर दोहरा व्यवहार अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर वो जनता को मराठी सिखाने की बात करते हैं और दूसरी ओर खुद अपने बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा दिलाते हैं.
केतकी सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक मोटिवेशनल स्पीकर और वेलनेस एडवोकेट भी हैं. वो 'Accept Epilepsy' नाम से एक प्लेटफॉर्म की संस्थापक हैं, जो मिर्गी से पीड़ित लोगों की मदद करता है. खुद मिर्गी की मरीज होने के बावजूद उन्होंने इसे अपनी ताकत बना लिया है और खुद को सोशल मीडिया पर 'Epilepsy Warrior Queen' कहती हैं. इसी अकाउंट से उन्होंने ये वीडियोज भी पोस्ट किए हैं. उनकी एक्टिंग की बात करें तो उन्होंने ‘लगोरी - मैत्री रिटर्न्स' और ‘तुझं माझं ब्रेकअप' जैसे मराठी सीरियल्स में काम किया है, साथ ही ‘गुप्त' (2021) और ‘लक्ष्मी सदा सर्वदा मंगलम' (2018) जैसी फिल्मों में भी नजर आई हैं.