हिट फिल्में देने के बाद भी फ्लॉप कहे जाते थे आमिर और माधुरी, इस फिल्म ने बना दिया रातों रात स्टार

इस साल बतौर निर्देशक इंद्र कुमार की पहली फिल्म दिल के 25 साल पूरे हो गए हैं. यह आमिर खान और माधुरी दीक्षित स्टारर एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी.  यह कम ही लोग जानते हैं कि आमिर और माधुरी दोनों को ही दिल से पहले 'फ्लॉप' करार दिया गया था.

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इस फिल्म ने बनाया माधुरी और आमिर को स्टार
नई दिल्ली:

इस साल बतौर निर्देशक इंद्र कुमार की पहली फिल्म दिल के 25 साल पूरे हो गए हैं. यह आमिर खान और माधुरी दीक्षित स्टारर एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी.  यह कम ही लोग जानते हैं कि आमिर और माधुरी दोनों को ही दिल से पहले 'फ्लॉप' करार दिया गया था. इससे पहले  1988 में आमिर ने कयामत से कयामत तक और माधुरी ने तेज़ाब जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्म दी थी. दिल में उनके को एक्टर आदि ईरानी ने हाल ही में बताया कि कैसे दोनों लीड भूमिका वाली यह फिल्म सफल हुई. "आमिर खान की पहली फ़िल्म के बाद उनकी लगातार छह-सात फ़िल्में फ्लॉप हो गईं. उन्हें एक फ्लॉप हीरो माना जाता था. मेकर्स कहते थे कि 'उसे मत लो. पता नहीं उसकी फ़िल्में चलेंगी या नहीं.' माधुरी दीक्षित के साथ भी यही हुआ. उन्होंने कई बड़ी फ़िल्में साइन की थीं, लेकिन एक-दो फ़िल्में नहीं चलीं और बाकी फ़िल्में पूरी नहीं हो पा रही थीं."

फिल्मी मंत्र मीडिया पर एक पॉडकास्ट में आदि ने खुलासा किया कि दिल सिर्फ़ इसलिए बनी क्योंकि इंद्र कुमार को एक साल तक अनिल कपूर की डेट्स नहीं मिल पाईं. इंद्र ने अनिल के साथ पहले दो फ़िल्में बनाई थीं - मोहब्बत (1985) और कसम (1988). जब इंद्र अपनी तीसरी फ़िल्म बेटा के साथ निर्देशक बनना चाहते थे, तो अनिल उनके दोस्त होने के नाते उन्हें मना नहीं कर पाए. अपने बड़े भाई और निर्माता बोनी कपूर के कहने पर अनिल बेटा करने के लिए राज़ी हो गए, लेकिन उनके पास एक साल तक फ़िल्म के लिए डेट्स नहीं थीं. "फिर अनिल कपूर ने इंद्र कुमार से कहा, 'तुम एक काम करो. इस बीच एक छोटे बजट की फ़िल्म बनाओ. तुम्हें निर्देशक होने का भी अनुभव होगा.' इसलिए उन्होंने दिल शुरू की, जिसमें उन्होंने आमिर खान और माधुरी दीक्षित को साइन किया. वह सोच रहे थे, 'चलो इनके साथ भी एक छोटी फ़िल्म बनाऊं. देखते हैं यह चलती है या नहीं.  

जब दिल ब्लॉकबस्टर बन गया तो इंद्र कुमार मुश्किल में पड़ गए. उन्हें चिंता थी कि क्या वे दिल की सफलता को बेटा की सफलता से जोड़ पाएंगे. हालांकि, अनिल इस बात से खुश थे कि उन्हें दिल के बाद इंद्र कुमार के रूप में एक सुपरहिट निर्देशक मिला, लेकिन उन्हें इस बात की चिंता थी कि वे बेटा में एक गांव के लड़के की भूमिका निभा रहे हैं. आखिरकार, बेटा (1992) दिल से भी बड़ी हिट साबित हुई.
 

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