जब इस ऑस्कर विनर म्यूजिक डायरेक्टर की मां को बेचने पड़े थे गहने, संघर्ष के दिनों में खाली स्टूडियो में बैठकर काटता था दिन

ए आर रहमान ने नेटफ्लिक्स पर आई चमकीला की टीम के साथ बातचीत में बताया कि स्ट्रगल के दिनों में कैसे उनकी मां ने उनके संघर्ष में साथ दिया.

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नई दिल्ली:

ऑस्कर विनिंग म्यूजिक कंपोजर और सिंगर ए आर रहमान का कोई तोड़ नहीं है. रहमान जो फिल्म या प्रोजेक्ट हाथ में लेते हैं इतिहास रच देते हैं. म्यूजिक के मास्टर ने हाल में नेटफ्लिक्स के साथ एक इंटरव्यू किया. इस बातचीत में रहमान ने बताया कि उनके स्टूडियो के लिए पहला इक्विपमेंट खरीदने की खातिर उनकी मां को अपने गहने बेचने पड़े थे. रहमान ने नेटफ्लिक्स पर आई फिल्म 'अमर सिंह चमकीला' की टीम के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया.

स्टूडियो के लिए इक्विपमेंट खरीदने के लिए नहीं थे पैसे 

बातचीत में रहमान ने बताया कि संघर्ष के दिनों में उनके परिवार ने उनकी बहुद मदद की. उन्होंने कहा, जब मैंने अपना स्टूडियो बनाया तो मेरे पास एम्पलिफायर या इक्विलाइजर खरीदने के पैसे नहीं थे. स्टूडियो में सामान के नाम पर एक एसी, शेल्फ और कार्पेट था. मैं बस वहां बैठा रहता था. मेरे पास कुछ भी खरीदने को पैसे नहीं थे. मैंने स्टूडियो तो बना लिया लेकिन वहां खाली बैठा रहता था. मेरा पहला रिकॉर्डर तब आया था जब मेरी मां ने अपने गहने बेचे. तब मुझे बहुत ही सशक्त महसूस हुआ. मुझे अपना भविष्य दिखने लगा. उस एक पल ने सबकुछ बदल दिया.

उन्होंने बताया, जब मैं 12 साल का था तो 40 और 50 की उम्र के लोगों के साथ वाइब करता था. बोरियत के चलते मैंने बहुत कुछ सुना. इससे मैं ये भी एक्सप्लोर कर पाया कि दुनिया की दूसरी तरफ क्या चल रहा है. हर तरह के संगीत से मैंने बहुत कुछ सीखा.

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