11 साल की उम्र में छोड़ा घर, चमकी किस्मत और बन गए 90 के सुपरस्टार लेकिन एक झूठे केस में ने जेल में सोने को हुआ मजबूर

'ना-ना-ना-ना रे' गाने से घर-घर मशहूर पॉप गायक दलेर मेहंदी की जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव आए. जहां कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के बाद उन्हें जेल में सोना पड़ा.

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नई दिल्ली:

किस्मत कब किसकी पलट जाए कभी किसी को नहीं पता होता. ऐसा ही कुछ  'ना-ना-ना-ना रे' गाने से घर-घर मशहूर पॉप गायक दलेर मेहंदी के साथ हुआ. उनकी जिंदगी में बुरा दौर भी आया था, जब उन्हें जेल की फर्श पर सोना पड़ा था. एक अधिकारी ने उनके साथ बदसलूकी भी की थी. 11 साल की उम्र में अपना घर छोड़ने वाले दलेर मेहंदी ने महज 5 साल की उम्र से ही गाना सीखना शुरू कर दिया था. उन्होंने गोरखपुर के उस्ताद राहत अली खान से संगीत सीखा था. दलरे ने 13 साल की उम्र में स्टेज पर परफॉर्म करके सबका दिल जीत लिया था.

दलेर मेहंदी का जन्म 18 अगस्त 1967 को बिहार के पटना में हुआ था, उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था. सिंगर के साथ ही दलेर मेहंदी लेखक और रिकॉर्ड प्रोड्यूसर भी हैं. उनका गाना 'ता रा रा रा' लोगों को काफी पसंद आया था, इस गाने के बाद वो काफी लोकप्रिय हो गए थे. दलेर मेहंदी ने गानों और म्यूजिक से पंजाबी इंडस्ट्री में धमाल मचा दिया. उन्होंने पंजाबी इंडस्ट्री के अलावा बॉलीवुड के लिए भी कई गाने गाए हैं.

दलेर मेहंदी के हिंदी फिल्मों में करियर की शुरुआत सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म 'मृत्युदाता' से हुई थी. यह फिल्म साल 1997 में आई थी. इस फिल्म में उन्होंने ‘ना ना ना रे' गाना गाया था, जो काफी मशहूर हुआ. इस गाने को खुद दलेर मेहंदी ने कंपोज भी किया था. इस गाने से दलेर मेहंदी घर-घर मशहूर हो गए थे. इसके बाद 1997 में आया गाना ‘रब रब' गाने ने धमाल मचा दिया था. इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरुष पॉप सिंगर के अवॉर्ड से नवाजा गया था.

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सफलता के शिखर पर पहुंचकर लोकप्रियता की बुलंदियों को छूने के बाद दलेर मेहंदी की जिंदगी में बुरा दौर भी आया था. साल 2003 में दलेर मेहंदी और उनके भाई शमशेर सिंह का नाम कबूतरबाजी केस में सामने आया था. दलेर पर आरोप था कि शो के लिए जाते वक्त वो अवैध तरीके से 10 लोगों को अपने साथ अमेरिका ले गए. इस मामले में दलेर मेहंदी को 2 साल जेल में भी रहना पड़ा था, जहां उनके साथ बहुत बदसलूकी हुई थी. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वो सबसे खराब दौर था, मुझे झूठे केस में फंसाया गया था. जेल में एक पुलिस अधिकारी ने मेरे साथ बदसलूकी और अप-शब्द कहे. उन्हें कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं मिली थी और उनको जेल की फर्श पर भी सोना पड़ा था.
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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