यूं तो आज के समय के कई बेहतरीन कलाकार हैं, जो अपनी एक्टिंग से जाने जाते हैं, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री ने देश को कुछ ऐसे कलाकार दिए हैं, जिनकी तुलना किसी से नहीं की जाती है. ऐसे ही एक कलाकार की हम बात कर रहे हैं, जिन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाते हुए लोगों का सदियों तक मनोरंजन किया और उन्हें हंसने का मौका दिया है. जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं, जगदीप उर्फ सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी की जो हिंदी सिनेमा के एक मशहूर कॉमेडियन के रूप में जाने जाते हैं. फिल्मों में उनकी कॉमिक टाइमिंग को देखकर हर कोई उनकी दीवाना था.
फिल्म 'शोले' से मिली पहचान
15 अगस्त 1975 में आई अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र की एवरग्रीन फिल्म 'शोले' के बारे में कौन नहीं जानता. इसे आज भी सबसे प्रभावशाली भारतीय फिल्मों में से एक माना जाता है और इसी फिल्म में जगदीप का 'सूरमा भोपाली' का किरदार काफी फेमस हुआ था. उनका ये किरदार आज भी लोगों के जेहन में है. जिसमें उनका डायलॉग था, 'हमारा नाम सूरमा भोपाली ऐसे ही नहीं है'. उन्होंने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1951 में बी. आर. चोपड़ा की फिल्म 'अफसाना' में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट से की थी, जिसके बाद उन्होंने अपने एक से एक बेहतरीन किरदार निभाएं.
फिल्म इंडस्ट्री में उनका करियर 70 सालों से ज्यादा का रहा. अपने करियर के दौरान उन्होंने फिल्म शोले के अलावा 'ब्रह्मचारी', 'दो बीघा जमीन', 'पुराना मंदिर', 'अंदाज अपना अपना' समेत दर्जनों सुपरहिट फिल्में दी हैं. साल 1994 में आई फिल्म 'अंदाज अपना अपना' में सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी ने सलमान खान पिता का किरदार निभाया था.
जानें पर्सनल लाइफ
जगदीप का जन्म 29 मार्च 1939 को मध्य प्रदेश के दातिया में हुआ था. साल 1947 में हुए बंटवारे के बाद वह अपने परिवार के साथ मुंबई आ गए थे. बचपन में घर की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं थी, ऐसे में उन्होंने घर खर्च चलाने के लिए सड़कों पर साबुन, कंघी जैसी छोटी-मोटी चीजें बेचना शुरू कर दिया था. बता दें, उनकी तीन शादियां हुई थी, जिससे उनके 6 बच्चे हैं. जावेद जाफरी और नावेद जाफरी उनकी दूसरी पत्नी के बच्चे हैं. जगदीप का 8 जुलाई 2020 को मुंबई में निधन हो गया था.