500 फाइटर्स, 25 एकड़ में बना शहर, 50 दिन की शूटिंग- 2 अक्तूबर को रिलीज हो रही इस फिल्म का वॉर सीन बाहुबली पर भी पड़ेगा भारी

2 अक्तबूर को कंतारा चैप्टर 1 रिलीज हो रही है. इस फिल्म में गजब का एक्शन देखने को मिलेगा. फिल्म के एक्शन-स्टंट कोरियोग्राफर अर्जुन राज की बातों पर यकीन करें तो यह बाहुबली से भी ज्यादा बड़े होने वाले हैं.

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इस फिल्म का एक्शन 'बाहुबली' को छोड़ सकता है पीछे
नई दिल्ली:

होम्बले फिल्म्स की सबसे ज्यादा इंतजार की जाने वाली फिल्म 'कंतारा: चैप्टर 1', इस साल की सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली फिल्मों में से एक है. ऐसे में अब फिल्म के एक्शन-स्टंट कोरियोग्राफर अर्जुन राज ने 'कंतारा: चैप्टर 1' के एक्शन सीन्स के बारे में खुलकर बात करते हुए अपनी राय दी है. ​उन्होंने बताया कि कैसे 'कंतारा: चैप्टर 1' में भारतीय सिनेमा के कुछ सबसे बड़े और महंगे एक्शन सीक्वेंस हैं. उन्होंने फिल्म की पौराणिक लड़ाइयों के बारे में भी बताया और ऋषभ शेट्टी की तारीफ करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने हर लड़ाई को एक शानदार और यादगार अनुभव में बदल दिया.

कंतारा 2 का शानदार एक्शन

अर्जुन राज ने 'कंतारा: चैप्टर 1' के साथ एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट में कदम रखा है. ​फिल्म के लिए ऑफर मिलने के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, 'शुरुआत में मैं इस प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं था. यह एक बहुत बड़ी फिल्म थी, और सच कहूं तो, मुझे लगा कि शायद मैं इस लेवल तक नहीं पहुंच पाऊंगा. मैं वाराणसी में था जब मैंने ऐसे ही किसी बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने की दुआ की. कुछ दिनों बाद, मुझे फोन आया. शुरुआत में, वे चाहते थे कि मैं सिर्फ एक ही सीक्वेंस के लिए काम करूं. बाद में, उन्होंने मुझे चार सीक्वेंस दे दिए. इसे किस्मत कहिए, या भगवान का आशीर्वाद, लेकिन यह हो गया.' इस तरह से अर्जुन ने चार बड़े सीक्वेंस के लिए कोरियोग्राफी की, जबकि राम-लक्ष्मण की जोड़ी ने एक सीक्वेंस संभाला, और हॉलीवुड स्टंट डायरेक्टर तोडोर लाज़ारोव ने वॉर के सीन्स को आकर देने में मदद की.

एक हजार से ज्यादा जूनियर आर्टिस्ट

फिल्म के बारे में अर्जुन राज ने बताया कि किस तरह से फिल्म को इतिहास और पौराणिक कथाओं पर आधारित मौलिकता की ज़रूरत थी, उन्होंने कहा, 'यह कहानी एक हजार साल पहले की है. आप हाल के एक्शन फिल्मों से चीजें सिर्फ कॉपी-पेस्ट नहीं कर सकते. हर मूव को उस समय के हिसाब से लगना और असली एहसास दिलाना चाहिए था. ​उदाहरण के लिए, हमारे पास एक बड़ा रथ का सीन था. यह सिर्फ एक प्रॉप नहीं था, बल्कि यह ऋषभ और एक हजार से ज्यादा जूनियर कलाकारों को शामिल करते हुए एक हाई-स्पीड चेज का हिस्सा था. इस तरह से यह मेरी अब तक के करियर का सबसे खतरनाक स्टंट बन गया है, जिसे मैंने डिजाइन किया है.'

बड़े प्री क्लाइमैक्स और क्लाइमैक्स के बारे में अर्जुन कहते हैं, 'अगर रथ वाला सीन सबसे खतरनाक था, तो वॉर का सीक्वेंस इमोशंस से भरा हुआ था. दरअसल, प्री-क्लाइमेक्स की लड़ाई मेरी खुद की पसंदीदा है. यह सिर्फ तलवारों की टकराहट नहीं थी, बल्कि इसमें हर पल कुछ खोने और पाने की भावनाएं शामिल थी. वहीं, ऋषभ का प्रदर्शन इसकी जान थी. उनकी जबरदस्त एनर्जी ने हर फाइट को एक अलग ऊंचाई दी है.'

ऋषभ शेट्टी ने कहा, मैं करूंगा...

एक्शन-स्टंट कोरियोग्राफर अर्जुन राज ने बताया कि, 'हमने ऋषभ के लिए बॉडी डबल का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने बिना किसी मदद, खुद अपने स्टंट किए हैं. उनका बॉडी लैंग्वेज इतना अलग है कि कोई डुप्लीकेट कॉपी नहीं कर सकता. उन्होंने कलारिपट्टू, तलवारबाजी और घुड़सवारी की ट्रेनिंग ली है. इसके बावजूद जो रिस्क उन्होंने उठाए, वो सिर्फ उनकी हिम्मत और जज्बे से संभव हुआ है. मैंने कई एक्टर्स के साथ काम किया है, लेकिन ऋषभ सिर्फ इतना नहीं कहते कि 'मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा', बल्कि वो कहते हैं 'मैं जब तक जिंदा हूं, मैं करूंगा.' यही स्पिरिट सबकुछ बदल देती है.'

होम्बले फिल्म्स के बारे में उन्होंने कहा, 'प्रोडक्शन हाउस होम्बले फिल्म्स ने हमें पूरी आज़ादी दी थी. जूनियर आर्टिस्टेस्ट और लीड एक्टर्स को शामिल करने से पहले हमने स्केच, छोटे मॉडल और रिहर्सल के साथ काम किया. हर बड़े सीक्वेंस के लिए कम से कम छह दिनों की तैयारी होती थी. हर फाइट सीन में बहुत पैसा और समय लगता था, एक दिन में एक करोड़ तक का खर्च होता था. उदाहरण के लिए, हमें उस रथ के फाइट सीक्वेंस को पूरा करने में 25 दिन लगे, जिसमें छह दिन की ज्यादा तैयारी और 15 दिन की रिहर्सल भी शामिल थी. इसका हर हिस्सा सिर्फ उसी एक सीन को दिया गया था.'

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उन्होंने आगे कहा, '​मेरे ख्याल से, भारतीय सिनेमा में पहली बार इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. मुझे इसे खुद सीखना पड़ा. इसने एक्शन सीक्वेंस को तैयार करने में एक नया आयाम खोल दिया. हॉलीवुड में, रिगिंग एक आम बात है, लेकिन इसे इस तरह की जमीनी कहानी में लाना एक नई चुनौती थी. सुरक्षा, संतुलन और विश्वसनीयता का मिला-जुला इस्तेमाल एक ध्यान से किया जाने वाला काम था. ये मैनेजमेंट के लिए बेहद मुश्किल था, लेकिन मेरी जिंदगी का सबसे यादगार अनुभव भी. आखिर में हम सिर्फ लड़ाई के सींस नहीं बना रहे थे, बल्कि इतिहास, संस्कृति और अपनी जड़ों के हिस्सों को फिर से जीवित कर रहे थे. यही कंतारा को अलग बनाता है.'

होम्बले फिल्म्स की 'कंताराः चैप्टर 1' सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी फिल्मों में से एक है. इसकी क्रिएटिव टीम की बात करें तो इसमें म्यूजिक डायरेक्टर बी. अजनीश लोकनाथ, सिनेमैटोग्राफर अरविंद कश्यप और प्रोडक्शन डिज़ाइनर विनेश बंगालन शामिल हैं, जिन्होंने मिलकर इस फिल्म के विजुअल से लेकर इमोशनल नैरेटिव को खूबसूरती से आकर दिया है.

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बाहुबली की भी छोड़ सकती है पीछे

इसके अलावा, होम्बले फिल्म्स 2022 की इस ब्लॉकबस्टर फिल्म की विरासत को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. मेकर्स ने 'कंतारा: चैप्टर 1' के लिए नेशनल और इंटरनेशनल स्पेशलिस्ट के साथ एक बड़ा वॉर सीक्वेंस तैयार किया है, जिसमें 500 से ज्यादा कुशल फाइटर्स और 3,000 लोग शामिल हैं. यह सीक्वेंस 25 एकड़ में फैले एक पूरे शहर में, ऊबड़-खाबड़ इलाके में 45-50 दिनों के दौरान फिल्माया गया था, जो इसे भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे बड़े सीक्वेंसेज में से एक बनाता है.

यह फिल्म 2 अक्टूबर को दुनिया भर में कन्नड़, हिंदी, तेलुगु, मलयालम, तमिल, बंगाली और अंग्रेजी भाषाओं में रिलीज होगी. फिल्म 'कंताराः चैप्टर 1' के साथ, होम्बले फिल्म्स भारतीय सिनेमा की सीमाओं को आगे बढ़ा रही है. यह फिल्म लोककथाओं, आस्था और सिनेमा की शानदार कारीगरी का जश्न मनाती है.

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