देश की आन बान और शान बढ़ाने में कुछ गीतों ने भी खासा योगदान दिया है. कुछ ऐसे गीत हैं जो बाद में बॉलीवुड का यानी कि हिंदी फिल्मों का भी हिस्सा बन गए. ऐसे ही गीतों में से एक है हमारा राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम'. जिसके बोल सुनकर आज भी रगों में बहता खून उबलता हुआ सा जान पड़ता है. इस अमर गीत को डेढ़ सौ साल का वक्त पूरा हो चुका है. इस दरम्यान कई दौर बदले कई सरकारें बदले. लेकिन इस गीत से आने वाली रवानी नहीं बदली. साल 2003 में इस गाने ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के टॉप टेन में भी खास जगह बनाई
इस फिल्म में शामिल हुआ गीत
1952 में रिलीज हुई हिंदी फिल्म 'आनंद मठ' सिर्फ एक ऐतिहासिक ड्रामा नहीं, बल्कि भारत की आजादी की भावना का प्रतीक मानी जाती है. हेमंत कुमार ने इसका संगीत दिया. इस फिल्म की कहानी बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के मशहूर बंगाली उपन्यास आनंदमठ पर आधारित थी. जो 1882 में प्रकाशित हुआ था. ये फिल्म 18वीं सदी के अंत में हुए संन्यासी विद्रोह की पृष्ठभूमि पर बनी थी. फिल्म का सबसे प्रसिद्ध गीत 'वंदे मातरम' आज भी हर भारतीय के दिल में बसता है. इस गीत को लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी. 2003 में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के एक सर्वे में इस गीत को दुनिया के टॉप 10 गानों में दूसरा स्थान मिला था. 150 साल बाद भी ये गीत हर बार सुनने पर दिल में वही देशभक्ति का जज्बा भर देता है.
आनंद मठ फिल्म में वंदे मातरम
संन्यासी विद्रोह की कहानी लेकर आई थी ‘आनंद मठ'
फिल्म 'आनंद मठ' ने उस दौर के भारत को दिखाया जब देश अंग्रेजों की गुलामी झेल रहा था. इसमें दिखाया गया है कि कैसे संन्यासी और साधु, अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हथियार उठाते हैं. हेमेन गुप्ता के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रदीप कुमार, गीता बाली और भारती देवी जैसे कलाकारों ने दमदार अभिनय किया था. फिल्म का हर दृश्य देशभक्ति से ओत-प्रोत था, जिसने लोगों को स्वतंत्रता के मूल्यों की याद दिलाई.