ग्रामीण भारत की राजनीति और सामाजिक संरचना पर आधारित वेब सीरीज अब दर्शकों की पसंद बनती जा रही हैं. 'पंचायत' के बाद अब एक नई वेब सीरीज 'सरपंच साहब (Sarpanch Sahab)' ने भी इसी पृष्ठभूमि को छूते हुए दर्शकों के दिल में खास जगह बना ली है. हाल ही में WAVES OTT पर रिलीज हुई यह सीरीज न सिर्फ गांव की राजनीति को दिखाती है, बल्कि बदलाव की लड़ाई को भी मजबूती से पेश करती है. क्यों पसंद आ रही है लोगों को ये सीरीज, चलिए आपको बताते हैं.
रामपुरा की कहानी है 'सरपंच साहब'
'सरपंच साहब' की खास बात यह है कि यह एक काल्पनिक गांव रामपुरा की कहानी है, लेकिन इसके मुद्दे, हालात और टकराव असल भारत के हर गांव से मेल खाते हैं. सत्ता में बैठा महेंद्र सिंह, जो तीन दशक से सरपंच है, अब एक युवा ग्रेजुएट संजू की चुनौती से जूझ रहा है. यह सिर्फ एक चुनाव की कहानी नहीं है, यह नए भारत और पुराने सिस्टम के टकराव की कहानी है.
सोनू सूद की पत्नी हैं प्रोड्यूसर
इस सीरीज का निर्देशन शाहिद खान (Shahid Khan) ने किया है, जो उनका डायरेक्टोरियल डेब्यू है. इसे प्रोड्यूस किया है एक्टर सोनू सूद की पत्नी सोनाली सूद ने. सात एपिसोड की यह सीरीज एक महीने से वेव्स OTT पर टॉप ट्रेंडिंग बनी हुई है. कास्ट में शामिल हैं- विनीत कुमार, पंकज झा, सुनीता राजवार, युक्ति कपूर और कई दमदार कलाकार, जिन्होंने किरदारों को जीवंत बना दिया है. सधी हुई स्क्रिप्ट, जमीनी डायलॉग्स और ऑथेंटिक माहौल इस सीरीज को खास बनाते हैं. अगर आप गांव की राजनीति और बदलाव की सच्ची लड़ाई को महसूस करना चाहते हैं, तो 'सरपंच साहब' जरूर देखिए.