वेनिस फिल्म फेस्टिवल: भारतीय फिल्मों का सफ़र और अनुपर्णा रॉय की ऐतिहासिक जीत

Venice Film Festival 2025: 82वें एडिशन ने साफ कर दिया कि भारतीय सिनेमा सिर्फ अपनी पुरानी धरोहर तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े मंचों पर नई कहानियां और नए प्रयोग भी कर रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
वेनिस फिल्म फेस्टिवल में भारत का सफर
Social Media
नई दिल्ली:

82वां वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (27 अगस्त – 6 सितंबर 2025) भारतीय सिनेमा के लिए यादगार रहा. इस बार निर्देशक अनुपर्णा रॉय ने अपनी फिल्म “सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज” के लिए ओरिजोंटी सेक्शन में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया.

इस साल भारत का कनेक्शन

इस बार फेस्टिवल में भारत की मौजूदगी खास रही:
    •    “सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज़” (Songs of Forgotten Trees) – अनुपर्णा रॉय की हिंदी फिल्म, जिसमें मुंबई में रह रही दो प्रवासी महिलाओं की कहानी है.
    •    “मदर” (Mother) – मदर टेरेसा पर बनी फिल्म, जिसे ओरिजोंटी सेक्शन की ओपनिंग फिल्म के तौर पर दिखाया गया.
    •    “दो बीघा जमीन” (Do Bigha Zamin) – बिमल रॉय की 1953 की क्लासिक फिल्म, जिसे 4K रिस्टोर कर क्लासिक्स सेक्शन में स्क्रीन किया गया.

भारत और वेनिस का पुराना रिश्ता

भारतीय फिल्मों का वेनिस फिल्म फेस्टिवल से पुराना नाता है. कई फिल्मों ने यहां बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं:
    •    “अपराजितो” (Aparajito, 1957) – सत्यजीत रे की इस फिल्म ने गोल्डन लायन और क्रिटिक्स अवॉर्ड जीते.
    •    “पार” (Paar, 1984) – गौतम घोष की इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह को दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का वोल्पी कप (Volpi Cup for Best Actor) मिला. यह अब तक किसी भारतीय अभिनेता को मिला सबसे बड़ा सम्मान है.
    •    “मॉनसून वेडिंग” (Monsoon Wedding, 2001) – मीरा नायर की फिल्म, जिसे गोल्डन लायन से नवाजा गया.
    •    “कोर्ट” (Court, 2014) – चैतन्य ताम्हाणे की फिल्म, जिसे Orizzonti सेक्शन में Lion of the Future अवॉर्ड मिला.
    •    “द डिसाइपल” (The Disciple, 2020) – ताम्हाणे की मराठी फिल्म, जिसने FIPRESCI क्रिटिक्स प्राइज और बेस्ट स्क्रिप्ट अवॉर्ड जीता.
    •    “विशरणाई” (Visaranai, 2015) – तमिल फिल्म, जिसने Orizzonti (Horizons Award) अपने नाम किया.

नतीजा

82वें एडिशन ने साफ कर दिया कि भारतीय सिनेमा सिर्फ अपनी पुरानी धरोहर तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े मंचों पर नई कहानियां और नए प्रयोग भी कर रहा है. अनुपर्णा रॉय की ऐतिहासिक जीत, मदर जैसी भावुक प्रस्तुति और दो बीघा जमीन का पुनर्प्रदर्शन. ये सब मिलकर दिखाते हैं कि भारतीय फिल्मों का सफर वेनिस में लगातार मजबूती से आगे बढ़ रहा है.

Featured Video Of The Day
PM Modi-Putin Meeting पर US की नजरें, डिफेंस एक्सपर्ट ने बता दी भीतर की बात | India Russia | Putin