अपने समय से बहुत आगे थी बॉलीवुड की ये फिल्म, समझने में ऑडियंस को लगे 26 साल, मिला कल्ट क्लासिक का दर्जा

बॉलीवुड के इतिहास में ऐसी बहुत सी फिल्में रह चुकी हैं, जिन्होंने अपने रिलीज के समय तो स्ट्रगल किया पर आगे चलकर कल्ट क्लासिक का दर्जा हासिल किया. आज ऐसी ही एक फिल्म के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.

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बनने के 26 साल बाद रिलीज हुई बॉलीवुड की ये फिल्म
नई दिली:

बॉलीवुड के इतिहास में ऐसी बहुत सी फिल्में रह चुकी हैं, जिन्होंने अपने रिलीज के समय तो स्ट्रगल किया पर आगे चलकर कल्ट क्लासिक का दर्जा हासिल किया. यह फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कोई जलवा नहीं दिखा पाई, पर दशकों बाद इन फिल्मों को ऑडियंस ने समझा और यह माना कि यह फिल्में अपने समय से बहुत आगे थी. ऑडियंस ने यह भी माना कि जिस तरह का रिस्पांस यह फिल्में डिजर्व करती थीं, वो भी इनको नहीं मिला. लेकिन हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक ऐसी फिल्म भी रही है, जिसे समझने में भारतीय ऑडियंस को 26 साल लगे और आज इस फिल्म को द ग्रेट इंडियन LSD ट्रिप के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं फिल्म ओम दर-ब-दर के बारे में.  

1988 में कमल स्वरूप की फिल्म ओम दर-ब-दर की गिनती अब्सर्ड फिल्मों में होती है. ओम दर-ब-दर एक ऐसी फिल्म है, जो किसी भी जॉनर में फिट नहीं बैठती. जो कोई इस फिल्म को देखता है, वह इसे अपने तरीके से बयान करता है और इस फिल्म के प्रति हर किसी का नजरिया अलग होता है. कुछ लोग इस फिल्म को वर्ल्ड पॉलिटिक्स पर आधारित एक सैटायर कहते हैं तो कुछ लोग इसको पूरी दुनिया पर कसे हुए एक व्यंग की तरह तरह देखते हैं. 

आपको बता दें कि इस फिल्म ने फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड फॉर बेस्ट मूवी भी जीता था. पूरी दुनिया के फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाए जाने के बाद 26 साल बाद 2014 में  इस फिल्म को थिएटर्स में रिलीज किया गया था. इस फिल्म की सरहाना बॉलीवुड के बड़े-बड़े डायरेक्टर्स जैसे अनुराग कश्यप, इम्तियाज अली और अमोल गुप्ते ने की है. अनुराग कश्यप ने कहा है कि ओम दरबदर भारत की वो फिल्म है, जो पूरी दुनिया को देखनी चाहिए. बता दें कि अनुराग कश्यप की फिल्म देव डी का फेमस गाना इमोशनल अत्याचार ओम दर-ब-दर के गाने 'मेरी जान A' से इन्स्पायर्ड है.

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