हार के जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं और फिलहाल एक एक्ट्रेस है जिस पर हम ये लाइन फिट कर सकते हैं और ये एक्ट्रेस हैं तृप्ति डिमरी. अब आप सोच रहे होंगे कि तृप्ति डिमरी कैसे हार गईं ? एनिमल के बाद से तो वो टॉक ऑफ द टाउन बन चुकी हैं तो ये हार वाला एंगल कहां से आया. हार वाला एंगल मुझे इसलिए लगा क्योंकि अगर आप गौर से देखें तो एनिमल में तृप्ति के लिए कुछ था ही नहीं. जहां भी इस फिल्म और तृप्ति की बात होती है टॉपिक होता है उनका बोल्ड सीन. जबकि अगर आप उनका ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो वो एक्टिंग भी अच्छी खासी कर लेती हैं.
तृप्ति की डेब्यू फिल्म लैला मजनू में वो कहीं से नई नहीं लगतीं. इम्तियाज अली ने उन्हें लैला बना दिया. इसके अलावा कला, बुलबुल कुछ ऐसी फिल्में हैं जिनमें तृप्ति का क्राफ्ट नजर आता है. अब फिर एनिमल पर वापस आएं तो आप देखेंगे कि उनका एक कैमियो था और उनकी जिम्मेदारी केवल एनिमल का ग्लैमर लेवल बढ़ाने की थी. अब आइरनी ये है कि इस स्पेशल जिम्मेदारी को निभाने के बाद तृप्ति टाइप कास्ट होती जा रही हैं. फिल्म मेकर्स उसी एक रिकॉर्ड को बजाने में लगे हैं और इसका सबूत है बैड न्यूज, विक्की विद्या का वो वाला वीडियो, भूल भुलैया-3 इन तीनों फिल्मों में अगर देखें तो तृप्ति का रोल टोटल कॉपी पेस्ट है. और कॉपी पेस्ट है वो ठरकी वर्ड जिसे एक बार उन्हें विक्की विद्या में बोला और फिर भूल भुलैया-3 में दोबारा चिपका दिया.
अब ऐज ए सिनेमा लवर और एक्टर्स वेलफेयर व्हाट्सएप ग्रुप मेंबर मुझे ये लगा कि मैं पूछूं कि भई अगर एक फिल्म में बोल्ड सीन दे दिया और चल गया तो ठीक है. आपने इस बोल्ड एक्ट्रेस वाले टैग को इतना सीरियसली क्यों लिया कि आने वाली फिल्मों में कुछ किया ही नहीं. एनिमल के बाद तीन फिल्में आईं लेकिन तीनों फिल्मों के कैरेक्टर्स में कोई डिफ्रेंस नहीं दिखता. कैरेक्टर तो कैरेक्टर ये फिल्म मेकर आपसे बार बार ठरकी क्यों बुलवाते हैं ? ऐसा लग रहा है कोई भी स्क्रिप्ट लेकर बस एक कैरेक्टर फिट कर रहे हैं और बुला रहे हैं तृप्ति डिमरी को. अब ये बैक टु बैक तीन फिल्में देखकर मुझे लगा कि अभी नहीं तो फिर कब ?? डियर तृप्ति तुम बहुत बेहतर कर सकती हो सो बी केयरफुल. कमर्शियल सक्सेस के चक्कर में ऐसे कैरेक्टर्स से बचो जो तुम पर एक टैग चिपका दें. क्योंकि ग्लैमर की चमक भले ही कभी फीकी पड़ जाए लेकिन एक एक्टर कभी बूढ़ा नहीं होता.