25 दिन, 27 लाख में बनी थी ये ब्लॉकबस्टर, हिंदी रीमेक रहा सुपरहिट, रोने पर मजूबर कर देगी बाप-बेटे की कहानी

साल 1989 में साउथ की ये फिल्म रिलीज हुई थी और दर्दभरी इस कहानी ने बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़ दिए थे. जब इसका बॉलीवुड में रीमेक बना तो वहां भी इसने खूब नाम कमाया.

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साउथ की सुपरहिट फिल्म की हिंदी में बना रीमेक तो हुई सुपरहिट

साउथ के सिनेमा के क्या कहने. जहां तेलुगू और तमिल में लार्जर दैन लाइफ फिल्में बनती हैं तो वहीं मलयालम सिनेमा को अपनी सॉलिड किस्सागोई के लिए पहचाना जाता है. शानदार और नई कहानियां साथी ही जानदार एक्टिंग भी. फिर ट्रैजिक फिल्मों के तो कहने ही क्या. इंडस्ट्री ने इतने साल में जितनी भी क्लासिक ट्रेजेडी बनाई हैं, उनमें से डायरेक्टर सिबी मलयिल की किरीडम को मलयालम दर्शकों का एक बड़ा हिस्सा अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्म मानता है. 1989 की मोहनलाल, तिलकन, पार्वती जयराम और मोहन राज की फिल्म को मशहूर स्क्रीनराइटर-डायरेक्टर एके लोहितदास ने लिखा था. इस फिल्म ने ना सिर्फ मोहनलाल को उनका पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिलाया, बल्कि उनकी और तिलकन की एक्टिंग साथ ही उनकी जबरदस्त ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है. ये फिल्म बहुत ही कम बजट में बनकर तैयार हुई थी मगर इसने लोगों पर अलग छाप छोड़ी है.  जैकी श्रॉफ और अमरीश पुरी की गर्दिश इसी फिल्म पर आधारित थी. गर्दिश सुपरहिट फिल्म रही थी.

इस सुपरहिट फिल्म की कहानी

यह फिल्म एक जवान लड़के सेतुमाधवन के इर्द-गिर्द घूमती है. जिसका अपने पिता अच्युतन नायर के नक्शेकदम पर चलकर पुलिस अफसर बनने का सपना तब टूट जाता है. जब वह एक हार्डकोर क्रिमिनल, कीरीकाडन जोस के साथ मारपीट में उलझ जाता है. अपने पिता पर हमला करने के लिए जोस की बुरी तरह पिटाई करने के बाद सेतुमाधवन को लोकल डॉन का ताज पहनाया जाता है. जिससे उसकी पुलिस बनने की ख्वाहिशें और यहां तक कि उसकी चैन की जिंदगी का मौका भी खत्म हो जाता है. खास तौर पर, किरीडम का क्लाइमैक्स आज भी स्क्रीनराइटिंग, डायरेक्शन और फिल्म एक्टिंग में मास्टर क्लास माना जाता है.

किरीडम फुल मूवी

तीन दशक बाद भी अगर आप किरीडम को बेहतरीन स्क्रीनराइटिंग का बेंचमार्क मानते हैं, तो क्या आप जानते हैं कि लोहितदास ने इसकी स्क्रिप्ट सिर्फ तीन दिनों में तैयार की थी? हां, आपने सही पढ़ा.असल में उन्होंने इसे एक ही बार में लिख दिया. बिना नहाए या कुछ खाए भी.

उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में इस बारे में बताया था. मनोरमा ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक किरीडम की शूटिंग 25 दिनों में 23.5 लाख बजट में पूरी हुई थी. मोहनलाल की फीस उस समय 4.5 लाख थी मगर प्रोड्यूसर के साथ दोस्त की वजह से उन्होंने 4 लाख फीस ली थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 1.24 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था.

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