बेटे की आत्महत्या के बाद टूटा, पैसा आने पर हुआ लापरवाह, पाई-पाई को मोहताज हुआ ये एक्टर रहा कभी सुपरस्टार

उनके गलत इंवेस्टमेंट और शानदार लाइफस्टाइल ने उन्हें ऐसी जगह ला खड़ा किया, जहां उन्हें लगा कि अगर उन्होंने स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया तो वह “सड़कों पर” होंगे.

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कभी आर्थिक और मानसिक तौर पर तबाह गए थे एक्टर कबीर बेदी
नई दिल्ली:

एक्टर कबीर बेदी ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे. उन्होंने हाल ही में अपने वित्तीय संघर्षों के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें जीवन में अपने लिए फैसलों को लेकर पछताना पड़ा. कबीर ने बताया कि चूंकि वह एक संपन्न परिवार से नहीं थे, इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसे कमाने के लिए एक्साइटेड थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें एहसास हुआ कि उनके खर्चे उनकी कमाई से ज़्यादा थे. उनके गलत इंवेस्टमेंट और लग्जरी लाइफस्टाइल ने उन्हें ऐसी जगह ला खड़ा किया, जहां उन्हें लगा कि अगर उन्होंने स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया तो वह 'सड़कों पर' होंगे.

कबीर बेदी ने की ये गलतियां

बीबीसी न्यूज हिंदी के साथ बातचीत में, कबीर ने बताया कि अपने शुरुआती दिनों में, कुछ पैसे होने से उन्हें मानसिक शांति मिलती थी. उन्होंने कहा, "जिन लोगों की पृष्ठभूमि ऐसी होती है, जहां वित्तीय साधन कम होते हैं, वे हमेशा खुद को वित्तीय रूप से सुरक्षित रखना चाहते हैं, इसलिए जब मैंने यूरोप में सफलता का स्वाद चखा...मैंने कुछ पैसे कमाए और यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी, क्योंकि इससे आपको यह अहसास होता है कि 'मुझे इस बात की चिंता नहीं करनी है कि मेरा अगला भोजन कहां से आएगा या मेरा किराया कहां से आएगा". उन्होंने आगे कहा कि अचानक से पैसे आने से व्यक्ति अपने खर्च करने की आदतों के बारे में लापरवाह हो सकता है.

कबीर ने कहा, "अगर आपके पास कभी पैसे नहीं रहे और अचानक से आपको कुछ पैसे मिल गए, तो आपको लगता है कि अब यह आपकी स्थायी स्थिति होगी और आप पैसे के साथ लापरवाह होने लगते हैं. अगर मैं किसी को कोई सलाह देना चाहूं, तो वह यही होगी कि पैसे के साथ लापरवाह मत बनो. पैसे कमाना बहुत मुश्किल है, लेकिन उसे खोना बहुत आसान है". उन्होंने आगे कहा, "मैंने कुछ गलत निवेश किए और बहुत सारा पैसा खो दिया."

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कबीर ने कहा कि, "जब कोई स्टारडम का स्वाद चख लेता है, तब से वह स्टार बनने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च करना शुरू कर देता है. आप एक स्टार हैं, आपके पास एक अच्छा घर, अच्छी कार, फर्स्ट क्लास में यात्रा होनी चाहिए, यही आपकी लाइफस्टाइल बन जाती है और पैसा बहता रहता है. ये फाइनेंशियल प्रॉब्लम पैदा करते हैं".

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बेटे सिद्धार्थ की मौत पर कबीर बेदी

कबीर ने बताया कि उनके जीवन में एक ऐसा दौर था जब वे आर्थिक और भावनात्मक रूप से तबाह हो गए थे. उन्होंने 1990 के दशक के एक दौर के बारे में बात की जब उनके बेटे सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली थी और उनके पास ज्यादा पैसे नहीं थे. उन्होंने कहा, "मैं तबाह हो गया था." उन्होंने आगे कहा, "सिर्फ़ आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि इमोशनल तौर पर भी, क्योंकि यह एक ऐसे दौर में आया जब मैं फाइनेंशियली भी अनस्टेबल था. उस समय, मेरे बेटे की मृत्यु हो गई, इसलिए 1990 के दशक के आख़िर में ऐसा समय था जब मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूं. मैं ऑडिशन के लिए जाता था और मुझे समझ नहीं आता था कि मैं क्या कह रहा हूं. मैंने काम, अवसर खो दिए और स्थिति बस बदतर होती चली गई".

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इसके बाद खुद को वापस पाने के लिए वह इंग्लैंड चले गए और एक समय में एक प्रोजेक्ट पर काम करते हुए उन्होंने अपने जीवन का पुनर्निर्माण किया.

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