ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहीं रोजलिन खान ने 19 कीमो के बाद शेयर की हेल्थ अपडेट, वायरल हुई अस्पताल की तस्वीर

रोजलिन ने इसे “वक्त और दर्द के खिलाफ लड़ी गई एक तूफानी जंग” बताया. उन्होंने बताया कि उनका इलाज बेहद इंटेंस था – “नीओ-एड्जुवेंट कीमोथेरेपी के बाद मॉडिफाइड रैडिकल मास्टेक्टॉमी (MRM) और लैटिसिमस डॉर्सी फ्लैप (LD Flap) रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी हुई, उसके बाद रेडिएशन थेरेपी दी गई.”

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हौसले की जीत की मिसाल हैं रोजलिन
नई दिल्ली:

'धमा चौकड़ी', 'सविता भाभी', 'जी लेने दो एक पल' और 'क्राइम अलर्ट' जैसे शोज से पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस रोजलिन खान का स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर से जंग का सफर आम नहीं रहा. अब जब उनका कीमो पोर्ट हटा दिया गया है, यह उनके लिए न सिर्फ एक मेडिकल स्टेप है, बल्कि भावनात्मक और प्रतीकात्मक मोड़ भी है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, “The Port is Out. The Fight Lives On”. यह स्टेज 4 कैंसर की एक लंबी और कठिन लड़ाई के एक अध्याय को बंद करने जैसा है, जिसमें कैंसर उनकी रीढ़ की हड्डी के D9 वर्टेब्रा तक फैल गया था. 

रोजलिन ने इसे “वक्त और दर्द के खिलाफ लड़ी गई एक तूफानी जंग” बताया. उन्होंने बताया कि उनका इलाज बेहद इंटेंस था – “नीओ-एड्जुवेंट कीमोथेरेपी के बाद मॉडिफाइड रैडिकल मास्टेक्टॉमी (MRM) और लैटिसिमस डॉर्सी फ्लैप (LD Flap) रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी हुई, उसके बाद रेडिएशन थेरेपी दी गई.” रोजलिन ने कुल 19 राउंड कीमोथेरेपी झेली, जिसमें उनका शरीर थककर चूर हो गया. लेकिन इसके बाद एक दुर्लभ और दर्दनाक स्थिति विकसित हो गई – कीमो-इंड्यूस्ड ग्लैन्जमैन थ्रोम्बैस्थीनिया (टाइप 2), एक ब्लीडिंग डिसऑर्डर, जिससे कीमो रोकनी पड़ी. इस झटके के बावजूद, रोजलिन का हौसला नहीं टूटा. 

रोजलिन खान की तस्वीर

उन्होंने आगे लिखा, “अब मैं अगले 10 साल तक ओरल हॉर्मोनल थेरेपी पर रहूंगी. जो पोर्ट कभी मेरी लाइफलाइन था, अब उसकी जरूरत नहीं रही.” पोर्ट को हटाना उनके लिए सिर्फ एक मेडिकल स्टेप नहीं, बल्कि एक बेहद निजी और गहरा भावनात्मक मोड़ है. उन्होंने लिखा, “आज का दिन एक मौन, लेकिन ताकतवर जीत का प्रतीक है. निशान रह गए हैं... और साहस भी. जंग अब भी जारी है, लेकिन सबसे बड़ा युद्ध मैं जीत चुकी हूं. Stage 4 से Stage Fierce तक का यह सफर मेरे हर धड़कते दिल की कहानी है.” 

रोजलिन ने इस कठिन यात्रा में उनका साथ देने वालों को भी शुक्रिया कहा, खासकर डॉ. गर्वित चिटकारा (नानावटी हॉस्पिटल), जिनके बारे में उन्होंने लिखा, “जब मुझे लगा कि संक्रमण कभी नहीं जाएगा और सर्जरी कभी नहीं सुधरेगी – उस वक्त डॉ. गर्वित ने मेरी मदद की. उसी सपोर्ट ने मुझे फिर से सामान्य जिंदगी में लौटाया. एक बेहतरीन इंसान और प्रोफेशनल डॉक्टर की मिसाल हैं डॉ. गर्वित चिटकारा.” रोजलिन की कहानी सिर्फ सर्वाइवल की नहीं है, बल्कि ये कहानी है – दर्द के बीच ताकत को फिर से परिभाषित करने की, हर निशान को गर्व से अपनाने की.

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