बलात्कार के आरोपी को जब 200 महिलाओं ने जज के सामने उतारा था मौत के घाट, 168 मिनट की ये सीरीज देख कांप जाएगी रूह

ये कहानी है नागपुर की झुग्गी बस्ती कस्तूरबा नगर की. जहां 40 से ज्यादा बलात्कार के आरोपों में घिरे आरोपी अक्कू यादव को अदालत के भीतर ही लगभग 200 महिलाओं ने मिलकर मौत के घाट उतार दिया था. 168 मिनट की ये सीरीज न सिर्फ अपराध की भयावहता दिखाती है.

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Netflix Murder In A Courtroom Indian Predator Season 3: 168 मिनट की ये सीरीज देख रोंगटे होंगे खड़े
नई दिल्ली:

Netflix Murder In A Courtroom Indian Predator Season 3: नेटफ्लिक्स की चर्चित डॉक्यू-सीरीज 'इंडियन प्रीडेटर: मर्डर इन अ कोर्टरूम' एक ऐसी घटना पर आधारित है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. ये कहानी है नागपुर की झुग्गी बस्ती कस्तूरबा नगर की. जहां 40 से ज्यादा बलात्कार के आरोपों में घिरे आरोपी अक्कू यादव को अदालत के भीतर ही लगभग 200 महिलाओं ने मिलकर मौत के घाट उतार दिया था. 168 मिनट की ये सीरीज न सिर्फ अपराध की भयावहता दिखाती है. बल्कि ये भी बताती है कि जब न्याय व्यवस्था नाकाम हो जाती है, तो लोग खुद न्याय करने पर मजबूर हो जाते हैं.

अदालत में हुआ इंसाफ

13 अगस्त 2004 को नागपुर जिला कोर्ट में पेशी के दौरान अक्कू यादव पर महिलाओं का गुस्सा इस कदर फूटा कि कोर्ट नंबर 7 में ही उन्होंने उस पर चाकू, पत्थर और चिल्ली पाउडर से हमला कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उसके शरीर पर 70 से ज्यादा बार वार किए गए. महिलाओं का कहना था कि उन्होंने सालों तक अक्कू यादव के आतंक को सहा, पुलिस से शिकायत की लेकिन हर बार या तो उन्हें धमकाया गया या शिकायतें नजरअंदाज कर दी गईं. अदालत में ये भी कहा गया कि कई महिलाओं ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर सिस्टम ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो वे खुद कुछ करेंगी. पूरी सीरीज में आप इस केस की संवेदनशीलता और रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्यों को देख सकते हैं. 

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सीरीज में दिखा डर, दर्द और प्रतिरोध

नेटफ्लिक्स की इस सीरीज में पीड़ित महिलाओं, वकीलों, पुलिस अधिकारियों और पत्रकारों के इंटरव्यू शामिल किए गए हैं, जो उस समय की सच्चाई को सामने लाते हैं. सीरीज ये भी उजागर करती है कि कैसे जातिगत भेदभाव और गरीबों के प्रति सिस्टम की बेरुखी ने इस घटना को जन्म दिया. इसमें कोर्टरूम ड्रामा, सामाजिक अन्याय और महिला सशक्तिकरण तीनों की मिली जुली कहानी देखने को मिलती है.
Indian Predator: Murder in a Courtroom न सिर्फ एक अपराध की कहानी है, बल्कि ये उस सामाजिक पीड़ा और प्रतिरोध की दस्तावेजी दास्तान है, जब कानून ने आंखें मूंदी और आम महिलाओं ने कानून अपने हाथ में ले लिया.

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