एलविस प्रेस्ले की धुन पर मोहम्मद रफी की आवाज का मैजिक, सुपरहिट हुआ था 'झुक गया आसमान' का यह गाना

राजेंद्र कुमार और सायरा बानो की फिल्म 'झुक गया आसमान' 1968 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म के गीत 'कौन है जो सपनों में आया' से जुड़ा दिलचस्प किस्सा.

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नई दिल्ली:

साल 1968 में एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म रिलीज हुई थी. फिल्म की कहानी एकदम अनोखी थी. फिल्म में एक सीन है जहां फिल्म का हीरो मस्ती में अपनी जीम में गाना गाता हुआ जा रहा होता है. तभी उसका एक्सिडेंट हो जाता है. दुनिया के एक दूसरे कोने में उसी के हमशक्ल के साथ भी घटना घटती है. ऐसे में दोनों एक ही समय में हादसों का शिकार होते हैं. अब धर्मराज के दूत इसी बात को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं. जिस शख्स को अपने साथ ले जाना होता है, उसे न ले जाकर दूसरे को ले जाते हैं. पूरी फिल्म इसी गलती को लेकर रची गई है. इस मजेदार कहानी वाली फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिला था, और यह साल की सबसे पसंद की गई फिल्मों की फेहरिस्त में भी शामिल थी. फिल्म के गीतों का तो अलग ही तरह का जादू चला. 

यह फिल्म है ‘झुक गया आसमान' और इसके गीत ‘कौन है जो सपनों में आया' ने दर्शकों को अपने साथ रूमानियत की एक अलग ही दुनिया में ले जाने का काम किया. इस गाने की खासियत जहां हीरो राजेंद्र कुमार के अपनी प्रेमिका सायरा बानो के प्रेम में डूबकर गीत गाना है, वहीं हसीन नजारों के बीच उनका जीप चलाना और पूरा परिदृश्य ही कमाल बन पड़ा था. अपने खूबसूरत शब्दों, प्यारे से संगीत और शानदार निर्देशन की वजह से ‘कौन है जो सपनों में आया' आज भी कहीं भी बजता है, तो सुनने वालों के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान दौड़ जाती है.

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सुपरहिट गीत ‘कौन है जो सपनों में आया' एलविस प्रेस्ले के 1965 के गाने मारगरिटा से इंस्पायर है. इसकी धुन एलविस के इसी गाने की धुन पर आधारित है, और एलविस के इस गाने को सुनते ही आपको यह बात समझ भी आ जाती है. बेशक यह गाना विदेशी गीत से इंस्पायर था, लेकिन इसका जादू किन्हीं मायनों में कम नहीं होता है. 

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‘झुक गया आसमान' के गीत ‘कौन है जो सपनों में आया' को मोहम्मद रफी ने गाया. इसका संगीत शंकर-जयकिशन ने दिया जबकि इसके बोल आनंद बख्शी ने लिखे. फिल्म का निर्देशन लेख टंडन ने किया. इस तरह फिल्म के म्यूजिक ने इसकी कामयाबी में अहम रोल अदा किया. 

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