मां का 'अपमान' करने के लिए बार्बर बने थे कमल हासन, नहीं मानते गुरु की ये सलाह, तो जिंदगी भर चलाते ऑटो रिक्शा

हर सुपरस्टार की लाइफ से कोई ना कोई ऐसा किस्सा जुड़ा है, जो उनके फैंस को बड़ा हिट करता है. अब साउथ सुपरस्टार कमल हासन को ही लीजिए. 'हिंदुस्तानी' स्टार की लाइफ से जुड़ा ऐसा किस्सा सामने आया है, जो उनके फैंस को आश्चर्यचकित कर सकता है.

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इस तरह फिल्मों में आए कमल हासन
नई दिल्ली:

इंडियन सिनेमा के हर सुपरस्टार की लाइफ से कोई ना कोई ऐसा किस्सा जुड़ा है, जो उनके फैंस को बड़ा हिट करता है. अब साउथ सुपरस्टार कमल हासन को ही लीजिए. 'हिंदुस्तानी' स्टार की लाइफ से जुड़ा ऐसा किस्सा सामने आया है, जो उनके फैंस को आश्चर्यचकित कर सकता है. एक्टर ने खुलासा किया है कि उनके पास ऐसी कोई स्किल नहीं थी, जिससे कि वो एक जॉब पा सके. ऐसे में एक्टर ने अपनी मां का 'अपमान' करने के लिए नाई का काम करना शुरू कर दिया था. एक्टर ने अपने गुरु, फिल्म निर्माता-लेखक के. बालचंद्र के साथ अपने संबंधों और उनसे मिली सलाह के बारे में भी बताया. कमल ने बालचंद्र की एक सलाह को याद किया और कहा कि उनकी सलाह की बदौलत वह एक बेकार भविष्य से बच गए .

कमल हासन ने किया था नाई का काम

एक्टर ने अपने इंटरव्यू में कहा, उनके दोस्त बहुत टैलेंटेड थे, लेकिन इनमें से कईयों की दुखद मौत हो गई. अपने शुरुआती जीवन को याद करते हुए एक्टर ने बताया, 'जिस व्यक्ति ने मुझे बताया कि मेरे लिए सबसे अच्छा दोस्त बालाचंदर होंगे, वह एक नाई थे और उन्होंने मुझे नाई का काम सिखाया, मैंने एक सैलून में नाई बनकर काम किया, लेकिन वह ज्यादातर मेरी मां को ताना मारने के लिए था, क्योंकि उन्हें लगता था कि मैं कुछ नहीं कर रहा हूं, मैं बस पेपरबैक पढ़ रहा था और सिनेमा देख रहा था, फिर मां ने कहा कि यह वो काम नहीं है जो मुझे करना चाहिए, मेरे पास जिस तरह की प्रतिभा थी, मुझे आसानी से काम नहीं मिला था, मैंने सोचा कि मेरी मां का 'अपमान' होगा और मैं एक नाई बन गया'.

फिल्म निर्देशक बनना चाहते थे एक्टर

एक्टर ने आगे बताया, 'बालचंदर इस कहानी से प्रेरित थे और उन्होंने अपनी फिल्म जरा सी जिंदगी के क्लाइमेक्स में इसका इस्तेमाल किया, 'जब मैं 19 साल का था, तब मैंने बालचंदर से कहा कि मैं भी फिल्म निर्देशक बनना चाहता हूं, लेकिन बालचंदर ने मुझे इस रास्ते पर चलने से मना कर दिया'. फिल्म निर्माता ने उस वक्त कमल से कहा कि अगर वे निर्देशक बन गए तो वे अपनी जिंदगी ऑटो रिक्शा में यात्रा करते हुए बिताएंगे और वे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने सुझाव दिया कि उनमें फिल्म स्टार बनने के गुण हैं. कमल ने कहा, 'ऑटो रिक्शा चलाना तो भूल ही जाइए, अगर मैंने उनकी सलाह नहीं मानी होती तो शायद मैं उसी में मर जाता'.

आज भी अपने गुरु के आभारी हैं एक्टर

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बालाचंदर की सलाह पर कमल हासन ने फिल्मों में जाने का मन बना लिया. एक्टर ने कहा,  'इस तरह मैंने अभिनय में पूरी तरह से उतरने का फैसला किया, मैंने अपने कई दोस्तों को मरते देखा है, इसलिए मैं बालाचंदर का आभारी हूं, क्योंकि मैं उस रास्ते पर जा सकता था, मैं अपने अधूरे सपनों के साथ, अपनी फ्रस्ट्रेशन के साथ एक ऑटो रिक्शा में मर जाता और किसी को पता भी नहीं चलता कि ऑटो रिक्शा में एक लाश है.

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