साल 1990 की बात है, जब सलमान खान की एक फिल्म की तैयारियां जोरों पर थीं. फिल्म के लिए सलमान को तो चुन लिया गया था, लेकिन उनकी हीरोइन की तलाश अभी बाकी थी. निर्माताओं को एक नए चेहरे की जरूरत थी. इसके लिए अखबारों में विज्ञापन छपवाया गया, जिसमें लिखा था कि अगर आप सलमान खान की हीरोइन बनना चाहती हैं, तो अपनी फोटो और जानकारी डायरेक्टर के ऑफिस भेजें. दिल्ली की नवोदिता शर्मा ने भी इस मौके को आजमाया और अपनी फोटो व जानकारी भेज दी. जल्द ही उन्हें डायरेक्टर के ऑफिस से कॉल आया कि उन्हें चुन लिया गया है. इस तरह नवोदिता शर्मा, चांदनी बनकर सलमान खान की हीरोइन बनीं. फिल्म थी ‘सनम बेवफा', जिसके डायरेक्टर थे सावन कुमार टाक.
फिल्म में सलमान खान और चांदनी के साथ प्राण, डैनी, पुनित इस्सर और पंकज धीर जैसे सितारे भी नजर आए. ‘सनम बेवफा' ने 1991 में रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया और सिल्वर जुबली मनाई. फिल्म के गाने, खासकर ‘मुझे अल्लाह की कसम' इतना लोकप्रिय हुआ कि हर किसी की जुबान पर चढ़ गया. इस गीत को विपिन सचदेवा और लता मंगेशकर ने गाया था, जबकि इसका संगीत महेश-किशोर ने दिया और बोल सावन कुमार टाक ने लिखे. महेश शर्मा और किशोर शर्मा, जो पहले उषा खन्ना के असिस्टेंट थे, ने इस फिल्म से बतौर म्यूजिक डायरेक्टर डेब्यू किया और सुपरहिट रहे.
सनम बेवफा फुल मूवी
‘सनम बेवफा' का बजट था मात्र 90 लाख रुपये, लेकिन इसने लगभग 14 करोड़ रुपये की कमाई की. यह फिल्म 1985 की पाकिस्तानी हिट फिल्म ‘हक मेहर' का रीमेक थी. सलमान और चांदनी की जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया. ‘सनम बेवफा' आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे सफल फिल्मों में शुमार है. बेशक ये फिल्म तो चल गई लेकिन चांदनी की तकदी बॉलीवुड में नहीं चल सकी.