पंजाबी सिनेमा के चमकते सितारे और हास्य के बेताज बादशाह जसविंदर भल्ला (65) का शुक्रवार को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार शनिवार को दोपहर 12 बजे मोहाली के नजदीक शमशान घाट पर किया जाएगा. पंजाबी फिल्मों में उनके अनोखे अंदाज और जीवंत किरदारों ने लाखों दिलों में खास जगह बनाई थी. लंबी बीमारी के बाद उनके निधन की खबर ने पंजाबी मनोरंजन जगत को स्तब्ध कर दिया, और प्रशंसकों में शोक की लहर छा गई है. वह पंजाबी सिनेमा के एक ऐसे सितारे थे, जिन्होंने पंजाबी कॉमेडी को एक अलग स्तर पर ले गए. उनकी बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग, सादगी, और व्यंग्य से भरे संवाद हर वर्ग के दर्शकों को गुदगुदाते थे.
बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग, सादगी और व्यंग्य से भरे संवादों ने दर्शकों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी. पंजाब के इस मशहूर कॉमेडियन के निधन पर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. अमित बावा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “दुनियां को हंसाने वाला आज हमें रुला कर चला गया. जसविंदर भल्ला भारत के बेहतरीन कलाकारों में से एक थे. पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री को दुनियां में पहचान दिलाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही. उनका निधन अपूरणीय क्षति है. वाहे गुरु परिवार को इस दुःख की घड़ी में साहस प्रदान करें."
जसविंदर भल्ला आखिरी बार शिंदा शिंदा नो पापा में नजर आए थे, जिसके चलते एक्टर गिप्पी ग्रेवाल ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा, यकीन करना बहुत मुश्किल है. मैं सदमे में हूं. वह पूरी इंडस्ट्री में हमारे लिए एक पिता, गुरु और एक प्रतिभाशाली अभिनेता की तरह थे, यादें बनाते थे और परिवार की तरह पलों का आनंद लेते थे. हमारा रिश्ता बहुत मज़बूत था. यह सबसे बुरी खबर है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे. परिवार को मेरी सारी शक्ति. उनकी विरासत उनके काम के माध्यम से जीवित रहेगी, और हमारे जीवन पर उनका प्रभाव कभी नहीं भुलाया जा सकेगा. मैं उन यादों को संजो कर रखूंगा जो हमने साझा कीं और जो सीख उन्होंने मुझे दी. आप हमेशा मेरे दिल में रहेंगे @jaswinderbhalla Bhaji.
‘गड्डी चलती है छलांगा मार के,' 'कैरी ऑन जट्टा', 'जिंद जान', 'नौकर वोहटी दा', और 'बैंड बाजे' जैसी फिल्मों में उनके शानदार अभिनय और जीवंत किरदारों ने दर्शकों के चेहरों पर हमेशा मुस्कान बिखेरी. पंजाबी सिनेमा के लेजेंडरी अभिनेता और कॉमेडियन जसविंदर भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को लुधियाना के दोराहा में हुआ। भल्ला ने प्रोफेसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उनकी हास्य प्रतिभा ने उन्हें मनोरंजन जगत का सितारा बना दिया.उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह फिल्मों में आएंगे. वह तो प्रोफेसर थे, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था.साल 1988 में वह कॉमेडियन के तौर पर फिल्मों में सामने आए तो दर्शकों के दिलों में ऐसे बैठे कि उन्हें दर्शकों से भरपूर प्यार मिला.