एआईबीए मुक्केबाजी विश्व चैम्पियनशिप में मंगलवार को भारतीय मुक्केबाजों ने इतिहास रच दिया। चैम्पियनशिप के इतिहास में पहली बार पांच भारतीय मुक्केबाजों ने क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया है।
पिछले वर्ष मुक्केबाजी विश्व चैम्पियनशिप में चार भारतीय मुक्कबाजों ने क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया था।
चैम्पियनशिप में मंगलवार को सुमीत सांगवान (81 किग्रा.), विकास मलिक (60 किग्रा.) और सतीश कुमार (प्लस 91 किग्रा.) ने अपने-अपने मुकाबले जीतकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया, जबकि मनोज कुमार (64 किग्रा.) और शिव थापा (56 किग्रा.) पहले ही क्वार्टरफाइनल में पहुंच चुके थे। पांचों भारतीय मुक्केबाजों को टूर्नामेंट में कांस्य पदक से सिर्फ एक पायदान दूर रह गए हैं।
चैम्पियनशिप में मंगलवार को विकास मलिक क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने पांचवीं वरीयता प्राप्त एवं यूरोपियाई चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता हंगरी के मिकलोस वर्गा को मात दी। विकास ने वर्गा को नौ मिनट में हराया। विकास का अगले दौर में चौथी वरीयता प्राप्त ब्राजील के रॉब्सन कॉन्सीकाओ से होगा।
सांगवान ने भारत को दिन की दूसरी सफलता दिलाई। उन्होंने आठवीं वरीयता प्राप्त बेलारूस के सियारहेई नोविकाउ को एकतरफा मुकाबले में मात दिया। सांगवान को अब क्वार्टरफाइनल में शीर्ष वरीय कजाकिस्तान के आदिलबेक नियाजिम्बेतोव की चुनौती का सामना करना होगा।
दिन की तीसरी सफलता हैवीवेट वर्ग के मुक्केबाज सतीश कुमार ने दिलाई। कुमार ने बेलारूस के मुक्केबाज यान सूजिलोउस्की को एक बेहतरीन मुकाबले में हराया। अगले दौर में कुमार का मुकाबला स्थानीय मुक्केबाज इवान डाइच्को से होगा।
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