लोकसभा चुनाव 2019 : राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला तय

दोनों प्रमुख दलों ने रणनीतियां बनाना शुरू किया, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ डेढ़ लाख वोटों की बढ़त मिली थी

लोकसभा चुनाव 2019 : राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला तय

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने कमर कस ली है.

खास बातें

  • बीजेपी के सामने 2014 के चुनाव में मिली जीत को दोहराने की चुनौती
  • विधानसभा चुनाव में सिर्फ 0.5 फीसदी अधिक वोट पाकर कांग्रेस ने सरकार बनाई
  • बीजेपी हार से सबक लेकर जुटी, कांग्रेस को जनकल्याण के कार्यों पर भरोसा
जयपुर:

राजस्थान में चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में रायशुमारी शुरू हो गई है. बीजेपी ने संगठनात्मक बैठकें शुरू कर दी हैं. कांग्रेस ने चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों से नामांकन मांगना शुरू कर दिया है.

जाहिर है लोकसभा चुनाव की अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है और इसके लिए दोनों पार्टियां रणनीति तैयार कर रही हैं. हाल ही में हुए राजस्थान विधानसभा के चुनाव में भले ही कांग्रेस की सरकार बनी हो लेकिन यह कोई एकतरफा जीत नहीं थी. प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस में सिर्फ 1.5  लाख वोटों का अंतर रहा. कांग्रेस 200 मेंबरों वाली विधानसभा में मुश्किल से 100 का आंकड़ा छू पाई है.

लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के लिए कांटे की टक्कर है और यह मुकाबला दिलचस्प रहेगा. राजस्थान विधानसभा चुनाव में बामुश्किल 100 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनावों के लिए नई रणनीति बनाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस किसान और युवा मतदाताओं पर अपना फोकस रखेगी.

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राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि "राज्य सरकार किसानों की ऋण माफी से लेकर नौजवानों को रोजगार भत्ता देने तक के मामले में मैनिफेस्टो को इम्प्लीमेंट कर रही है. जनता में अच्छा प्रभाव पड़ रहा है. चुनाव बहुत दूर नहीं है, हम तैयार हैं."

दूसरी तरफ बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद उम्मीद नहीं छोड़ी है, क्योंकि वोट शेयर में इस बार दोनों पार्टियों के बीच ज्यादा अंतर नहीं रहा है. कांग्रेस को 39.3 % वोट हासिल हुआ है तो बीजेपी उससे कुछ ही अंकों से पीछे है. उसे इस चुनाव में 38.8 % वोट मिले हैं.

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राजस्थान बीजेपी के प्रभारी अविनाश राइ खन्ना ने कहा कि " डेढ़ लाख वोट हमें पूरे प्रदेश में कम मिला. यानी हर बूथ पर तीन वोट कम. तो हम हर चीज को ध्यान में रखेंगे, कि कौन से विधानसभा और कौन से बूथ पर क्यों हारे हैं."

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चुनाव में सिर्फ दो महीने बचे हैं और राजस्थान में दोनों पार्टियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है अच्छे मजबूत प्रत्याशियों की खोज. कांग्रेस ने सभी अच्छे उम्मीदवारों को विधानसभा का चुनाव लाड़वा दिया. वह अब इन्हें लोकसभा चुनाव लाड़वाकर विधानसभा में मुश्किल से मिले बहुमत को नहीं गवाना चाहती. दूसरी ओर बीजेपी, जिसने पिछले लोकसभा चुनाव में राजस्थान का सभी 25 सीटें जीती थीं, के लिए फिर से सभी सीटें हासिल करना मुश्किल होगा.