ट्रैफिक चालान स्टेटस
NDTV का चालान अपडेट ऐप ट्रैफिक चालान को चेक करने की सुविधा को अधिक सरल बनाता है. अपना ट्रैफिक चालान देखने के लिए आपको वेबसाइट के 'चालान' सेक्शन में जाकर सर्च बार में सिर्फ अपनी कार का नंबर डालना होगा. इसके बाद आपको 'गो' बटन दबाना होगा, और ऐसा करते ही आपके सामने आपकी गाड़ी से जुड़े चालान की पूरी लिस्ट आ जाएगी. इस लिस्ट में चालान की तारीख, दिन, लोकेशन और किस ट्रैफिक नियम को तोड़ने की वजह से आपका चालान किया गया, पूरा ब्योरा होगा. अगर आपकी गाड़ी का कोई चालान नहीं हुआ होगा तो वहां पर 'ज़ीरो' चालान दिखेगा.
इस ऐप का इस्तेमाल कर आप पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिस भी पढ़ सकते हैं, और अगर आप चाहें तो अपने क्रेडिट, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग की मदद से जुर्माने की रकम भी ऑनलाइन अदा कर सकते हैं.
NDTV चालान अपडेट ऐप पर आपको ऐन उस जगह की CCTV कैमरे द्वारा ली गई तस्वीर भी दिखेगी, जहां आपने ट्रैफिक नियमों की अनदेखी की थी. इस ऐप को बाकी ऐप से अलग बनाने वाली खूबी यह है कि इसके ज़रिये आपके ऑनलाइन चालान को लेकर ईमेल या SMS की मदद से अलर्ट भी भेजा जाता है. इस सेवा को हासिल करने के लिए आपको इस ऐप पर सिर्फ अपना ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर देना होगा. आप ब्राउज़र नोटिफिकेशन के लिए भी सब्सक्राइब कर सकते हैं. यह अपने ट्रैफिक चालान स्टेटस को जानने का बेहद आसान तरीका है.
सख्त नियमों के साथ यातायात उल्लंघन के लिए जुर्माने में भारी वृद्धि कर सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया कदम है संशोधित मोटर वाहन अधिनियम. मोटर वाहन अधिनियम, जिसे 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों तथा अन्य स्थायी समितियों के साथ चर्चा के बाद संशोधित किया गया था, 1 सितंबर, 2019 को लागू किया गया.
नए यातायात नियमों के तहत, यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जाता है. हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है. गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन पर बात करने का जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर अब 2,000 रुपये के स्थान पर 10,000 रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ता है. एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को रास्ता नहीं देने पर अब 10,000 रुपये का जुर्माना रखा गया है.
नए नियमों के अनुसार, बीमा मुआवज़े को 50,000 रुपये से 10 गुणा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं, हिट एंड रन के मामलों में मृत्यु होने की स्थिति में न्यूनतम मुआवज़ा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये और गंभीर चोट के मामले में 12,500 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है. साथ ही मोटर वाहन दुर्घटना कोष के प्रावधान ने भारत में सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवर दिया है.
अधिनियम में संशोधन के तहत ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए आधार नंबर का होना भी अनिवार्य कर दिया गया है. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रणाली को कम्प्यूटरीकृत करने की भी प्रक्रिया अमल में लाई गई है, और किसी भी व्यक्ति को अपना लाइसेंस केवल ऑनलाइन टेस्ट पास करने के बाद ही मिलेगा. नए अधिनियम के तहत ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता को भी मौजूदा 20 साल से घटाकर 10 साल कर दिया गया है. हालांकि, 50 से 55 वर्ष की आयु के बीच अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराने वालों की वैधता 60 वर्ष की आयु तक होगी, जबकि 55 वर्ष की आयु के बाद लाइसेंस का नवीनीकरण कराने वालों को केवल पांच वर्ष की वैधता हासिल होगी.