होम ऑनलाइन कैलकुलेटर तिथि कैलकुलेटर
Advertisement

तिथि कैलकुलेटर

तिथि कैलकुलेटर ऐसा टूल है, जो किन्हीं भी दो तारीखों के बीच मौजूद दिनों की गणना करता है. यूज़र किसी भी तारीख से दिनों को घटाकर या उसमें जोड़कर भी इच्छित परिणाम हासिल कर सकते हैं.

तिथि कैलकुलेटर को कैसे इस्तेमाल करें

अगर आपको कभी दो तारीखों के बीच का अंतर जानने या किसी अंतर से किसी खास तारीख तक पहुंचने की ज़रूरत पड़े, तो आप तिथि कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसा नाम से ही ज़ाहिर है, तिथि कैलकुलेटर वह उपकरण है, जो दो तिथियों के बीच दिनों की संख्या की गणना करता है.

कोई भी यूज़र अपनी पसंद की किसी भी तारीख को 'Start Date' फ़ील्ड में दर्ज कर सकता है और 'कैलकुलेट' बटन पर क्लिक करने से वह दर्ज की गई तारीख और मौजूदा तारीख के बीच दिनों की संख्या जान सकता है.

तिथि कैलकुलेटर में वेरिएशन

इसके अलावा, 'Start Date' को ज्यों का त्यों छोड़कर नई 'End Date' दर्ज कर दोनों तारीखों के बीच की अवधि की गणना की जा सकती है. इतना ही नहीं, आप किन्हीं भी दो तिथियों के बीच दिनों की संख्या की गणना करने के लिए डिफ़ॉल्ट 'Start Date' और 'End Date' को भी बदल सकते हैं.

दो तारीखें दर्ज करने की स्थिति में गणना की अवधि में 'End Date' को शामिल किया जाए या नहीं, यह चुना जा सकता है. इससे गणना की कुल अवधि में एक दिन जोड़ दिया जाएगा. इसके परिणाम कैलेंडर दिनों में दिखाए जाते हैं, और अवधि का उल्लेख वर्षों, महीनों और सप्ताहों में भी अलग-अलग किया जाता है.

तिथि कैलकुलेटर का एक अन्य वर्शन आपको 'Start Date' से दिनों की संख्या दर्ज करने पर किसी खास तारीख को खोजकर देता है. कैलकुलेटर के इस वर्शन के ज़रिये किसी खास तारीख पर पहुंचने के लिए आपको अपनी पसंद की तारीख 'Start Date' फ़ील्ड में दर्ज करनी होगी. वैसे डीफ़ॉल्ट रूप से मौजूदा तारीख को 'Start Date' के तौर पर दिखाया जाता है.

'Start Date' फ़ील्ड में पसंद की तारीख दर्ज करने के बाद आपको सालो, महीनों, हफ्तों और दिनों के रूप में अवधि दर्ज करनी होगी. अवधि दर्ज करने के बाद आपको नतीजा पाने के लिए तारीख से दिनों को जोड़ना या घटाना चुनना होगा. उसी हिसाब से आपको तारीख और सप्ताह का दिन बता दिया जाएगा.

भारत में कैलेंडर

तिथि कैलकुलेटर ग्रेगोरियन कैलेंडर का अनुसरण करता है, जो दुनियाभर में स्वीकार्य है. कैलेंडर जनवरी से दिसंबर के बीच चलता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर को 1582 में पोप ग्रेगरी XIII ने जूलियन कैलेंडर के संशोधित संस्करण के रूप में पेश किया था. हालांकि ग्रेगोरियन कैलेंडर को शुरू में सिर्फ पश्चिमी देशों ने स्वीकार किया था, लेकिन जल्द ही अन्य देशों ने भी इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया..

हालांकि, भारत जैसे कई देश हैं, जो सिर्फ़ एक कैलेंडर तक सीमित नहीं हैं. उप-महाद्वीप में विभिन्न संस्कृतियां बसी हैं, इसलिए अलग-अलग प्रकार के कैलेंडरों का मौजूद होना भी कतई असामान्य नहीं है. उदाहरण के लिए, अधिकांश हिन्दू त्योहार पारम्परिक कैलेंडरों पर आधारित होते हैं, जो सांस्कृतिक और क्षेत्रीय आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं. उदाहरणार्थ, केरल का मलयालम कैलेंडर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के तेलुगू कैलेंडर से अलग होता है. उधर, इस्लामी समुदाय चंद्र चक्र पर आधारित कैलेंडर का पालन करता है. इसके अलावा, बहुत-से समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले त्योहार समुदाय विशेष के विशेष कैलेंडर पर ही आधारित होते हैं.

© COPYRIGHT NDTV CONVERGENCE LIMITED 2024. ALL RIGHTS RESERVED.

Subscribe for notifications