खेलमंत्री जितेंद्र सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ओलिंपिक पदक विजेताओं की उपलब्धियों को तुरंत मान्यता सुनिश्चित करने की कवायद के तहत खेल मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि आगामी रियो खेलों के पदक विजेताओं के नाम पर इस साल खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार के लिए विचार किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला इसलिए किया गया है जिससे कि खिलाड़ियों को ओलिंपिक में पदक जीतने के अपने प्रदर्शन के बाद पूरे एक साल तक इंतजार नहीं करना पड़े।
व्यक्तिगत वर्ग के पदक विजेता जिन्हें पहले राजीव गांधी खेल रत्न नहीं मिला है उनके नाम पर देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार के लिए विचार किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, ‘‘टीम स्पर्धाओं के पदक विजेताओं, जिन्होंने रियो ओलिंपिक 2016 में देश के लिए टीम द्वारा जीते गए पदक में अहम भूमिका निभाई है जैसे गोलों की संख्या, गोलों का बचाव आदि और जिन्हें अतीत में अर्जुन पुरस्कार नहीं मिला है, उनके नाम पर अर्जुन पुरस्कार के लिए विचार किया जाएगा।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला इसलिए किया गया है जिससे कि खिलाड़ियों को ओलिंपिक में पदक जीतने के अपने प्रदर्शन के बाद पूरे एक साल तक इंतजार नहीं करना पड़े।
व्यक्तिगत वर्ग के पदक विजेता जिन्हें पहले राजीव गांधी खेल रत्न नहीं मिला है उनके नाम पर देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार के लिए विचार किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, ‘‘टीम स्पर्धाओं के पदक विजेताओं, जिन्होंने रियो ओलिंपिक 2016 में देश के लिए टीम द्वारा जीते गए पदक में अहम भूमिका निभाई है जैसे गोलों की संख्या, गोलों का बचाव आदि और जिन्हें अतीत में अर्जुन पुरस्कार नहीं मिला है, उनके नाम पर अर्जुन पुरस्कार के लिए विचार किया जाएगा।’’
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