फाइल फोटो
नई दिल्ली:
चक्का फेंक की एथलीट कृष्णा पूनिया का नाम खेल रत्न की सूची में शामिल करने को लेकर भ्रम की स्थिति लगभग समाप्त हो गई क्योंकि खेल मंत्रालय ने मंगलवार को संकेत दिए कि वह पुरस्कार विजेताओं की मूल सूची में कोई बदलाव नहीं करेगा। पूनिया के नाम पर विचार करने के आग्रह के बाद खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को अपने सचिव पीके देब के साथ बैठक की थी। उस बैठक में फैसला नहीं हो पाया था इसलिए अंतिम निर्णय करने के लिए आज फिर बैठक हुई।
जितेंद्र को हालांकि मूल सूची पर कायम रहने के फैसले को अभी अपनी अंतिम मंजूरी देनी है, लेकिन खेल मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि खेल रत्न के साथ-साथ अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित 15 खिलाड़ियों की मूल सूची में किसी तरह का बदलाव किे जाने की संभावना नहीं है।
अधिकारी ने कहा, ‘खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित खिलाड़ियों की मूल सूची में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सब कुछ पहले जैसा ही है।’ डबल ट्रैप के निशानेबाज रंजन सोढ़ी के नाम की खेल रत्न के लिए सिफारिश किए जाने से विवाद पैदा हो गया था क्योंकि चयन पैनल के कुछ सदस्यों ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।
एक अन्य सदस्य और पूर्व निशानेबाज के आने के बाद परिदृश्य बदल गया था और गिरिशा को हटाकर सोढ़ी और पूनिया के बीच मतदान किया गया था। रिपोर्टों के अनुसार चयन पैनल ने अर्जुन पुरस्कार के लिए शुरू में जोसेफ के नाम को भी मंजूरी दे दी थी, लेकिन बाद में साई अधिकारी की अनुपस्थिति में उसे हटा दिया गया।
ऐसे भी संकेत मिले थे कि 2012 के लंदन परालिम्पिक के रजत पदक विजेता गिरिशा को खेल रत्न के बजाय अर्जुन पुरस्कार देने पर विचार किया जा सकता है। गिरिशा ने 13 अगस्त को खेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि उनके नाम पर खेल रत्न के लिए विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके नाम पर कम से कम इस साल अर्जुन पुरस्कार और अगले साल खेल रत्न के लिए विचार किया जाना चाहिए।
जितेंद्र को हालांकि मूल सूची पर कायम रहने के फैसले को अभी अपनी अंतिम मंजूरी देनी है, लेकिन खेल मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि खेल रत्न के साथ-साथ अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित 15 खिलाड़ियों की मूल सूची में किसी तरह का बदलाव किे जाने की संभावना नहीं है।
अधिकारी ने कहा, ‘खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित खिलाड़ियों की मूल सूची में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सब कुछ पहले जैसा ही है।’ डबल ट्रैप के निशानेबाज रंजन सोढ़ी के नाम की खेल रत्न के लिए सिफारिश किए जाने से विवाद पैदा हो गया था क्योंकि चयन पैनल के कुछ सदस्यों ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।
एक अन्य सदस्य और पूर्व निशानेबाज के आने के बाद परिदृश्य बदल गया था और गिरिशा को हटाकर सोढ़ी और पूनिया के बीच मतदान किया गया था। रिपोर्टों के अनुसार चयन पैनल ने अर्जुन पुरस्कार के लिए शुरू में जोसेफ के नाम को भी मंजूरी दे दी थी, लेकिन बाद में साई अधिकारी की अनुपस्थिति में उसे हटा दिया गया।
ऐसे भी संकेत मिले थे कि 2012 के लंदन परालिम्पिक के रजत पदक विजेता गिरिशा को खेल रत्न के बजाय अर्जुन पुरस्कार देने पर विचार किया जा सकता है। गिरिशा ने 13 अगस्त को खेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि उनके नाम पर खेल रत्न के लिए विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके नाम पर कम से कम इस साल अर्जुन पुरस्कार और अगले साल खेल रत्न के लिए विचार किया जाना चाहिए।
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